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स्वास्थ्य

कोरोना के रोजाना हजार से ऊपर केस खतरे की घंटी? क्‍या एक्‍सबीबी वेरिएंट मचाएगा तबाही, लाएगा नई लहर? AIIMS के पूर्व निदेशक से जानें

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हाइलाइट्स

  • भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं.
  • नए केसेज में कोविड का एक्‍सबीबी वेरिएंट देखा जा रहा है.

Coronavirus: भारत में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने से केंद्र और राज्‍य सरकारें चिंता में पड़ गई हैं. इसके साथ-साथ इन्‍फ्लूएंजा फ्लू वायरस (Influenza Flu Virus) के भी केस सामने आने और कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों के चलते इन दोनों में बिना टेस्टिंग के फर्क कर पाना भी मुश्किल हो रहा है. हालांकि जितनी भी जांचें हो रही हैं उनमें देश में एक हजार से ज्‍यादा कोविड (Covid 19) के मरीज रोजाना मिल रहे हैं. इस बार देखा जा रहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) का एक्‍सबीबी वेरिएंट .1.16 प्रमुखता से मिल रहा है. ऐसे में एक चिंता ये भी है कि क्‍या कोरोना की नई लहर आने वाली है? क्‍या ये एक्‍सबीबी वेरिएंट (XBB Variant .1.16) संक्रमण फैलाकर तबाही मचा सकता है?

इस बारे में दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ. महेश चंद्र मिश्र कहते हैं कि कोरोना खत्‍म नहीं हुआ है और न ही भविष्‍य में यह खत्‍म होने वाला है, यह बात लोगों को समझनी है. पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि जब भी कोरोना के नए मामले कम आते हैं, लोग कोविड अनुरूप व्‍यवहार पूरी तरह छोड़ देते हैं. न मास्‍क पहनते हैं, न सोशल डिस्‍टेंसिंग रखते हैं और न ही सेनिटाइजेशन का अच्‍छी तरह ध्‍यान रखते हैं. यही वजह है कि कोरोना के केस कम होने के बाद फिर अचानक बढ़ जाते हैं.

क्‍या रोजाना 1000 से ऊपर केस खतरे की घंटी?

फिलहाल भारत में रोजाना करीब 1000 से ऊपर कोरोना के नए केस आ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में ही 1249 नए कोविड मरीज सामने आए हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोविड से घबराना है या खतरा मंडरा रहा है. कोरोना अब सामान्‍य फ्लू, वायरल फीवर (Viral Fever) की तरह हो चुका है. संभव है कि जितने केस कोरोना के आ रहे हैं उतने से ज्‍यादा वायरल, इन्‍फ्लूएंजा फ्लू, खांसी-बुखार (Cough-Fever) आदि के मरीज हों. चूंकि इसकी जांच हो रही है तो कोविड पकड़ में आ रहा है और नंबर बढ़ रहा है.

खतरनाक है एक्‍सबीबी वेरिएंट?

डॉ. मिश्र कहते हैं कि यह वेरिएंट पहली बार भारत में केस नहीं बढ़ा रहा है, एक्‍सबीबी वेरिएंट (XBB Variant) नवंबर-दिसंबर 2022 में भी आया था. उस समय भी इस वेरिएंट से संक्रमित कोरोना के मामले आ रहे थे. यह घातक है ऐसा नहीं है. कोविड संक्रमण और पहले ली हुई वैक्‍सीन (Covid Vaccine) से इसके खिलाफ भी लोगों में इम्‍यूनिटी (Immunity) बन चुकी है. इससे बचाव करें ये जरूरी है.

क्‍या आने वाली है नई लहर?

कोविड की नई लहर (Covid New Wave)आने वाली है या आएगी, इसकी संभावना अभी तो नहीं दिखाई दे रही है. एक्‍सबीबी वेरिएंट से आएगी ऐसा भी नहीं लग रहा है. कोविड तो वायरस है, इसमें म्‍यूटेशन तो होता ही रहेगा, जैसे फ्लू में कुछ न कुछ होता रहता है. वेरिएंट्स के नाम तो एकेडमिक डेटा के लिए है. कोरोना के मामले आते रहेंगे. अन्‍य वायरल बीमारियों की तरह यह भी लोगों को संक्रमित करता रहेगा, ये तय है.

जो वैक्‍सीन लगवाई हैं वे इससे रक्षा करेंगी?

कोविड के किसी भी नए वेरिएंट्स की बात है तो जो लोग कोविड की वैक्‍सीन लगवा चुके हैं और संक्रमण भी झेल चुके हैं, उनके अंदर क्षमता मौजूद है. वहीं नए-नए वेरिएंट्स जो भी आ रहे हैं, वैक्‍सीन निर्माता कंपनियां भी तो इनकी स्‍टडी कर रही हैं, निश्चित ही वे अपनी वैक्‍सीनों को फ्लू की वैक्‍सीन की तरह कई वेरिएंट्स पर कारगर बनाने का काम रही होंगी.

डरें नहीं तो क्‍या करें लोग?

डॉ. मिश्र कहते हैं कि इससे डरना नहीं है, बस कोविड अनुरूप व्‍यवहार (Covid Appropriate Behaviour) का पालन करना है. केस कम होने पर भी मास्‍क पहनना है. सार्वजनिक जगहों पर जाना है पर एहतियात बरतनी है. बिना कोविड के भी हाथों को साबुन से धोने में क्‍या बुराई है, हाईजीन रखनी है. सर्दी-खांसी, बुखार होने पर घर के अन्‍य लोगों से थोड़ा बचाव करना है और सबसे जरूरी बात वैक्‍सीन जो भी मौजूद हैं वे लगवानी हैं. इतना करने से इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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