Connect with us

धर्म-संस्कृति

Chaitra Navratri 2023 Day 3: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें मुहूर्त एवं मंत्र

खबर शेयर करें -

Chaitra Navratri 2023 Day 3: आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघटा पूजा-उपासना की जाती है। मां चंद्रघटा शांति और सौम्यता का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां का स्वरूप अति कल्याणकारी और शांतिदायक है। धार्मिक मान्यता है कि मां चंद्रघटा की पूजा करने से साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस दिन साधक का चित ‘मणिपुर’ चक्र में अवस्थ्ति रहता है। आइए, मां के स्वरूप, पूजा विधि और महत्व जानते हैं-

मां चन्द्रघंटा का स्वरूप

मां की सवारी सिंह है। मां की दस भुजाएं अस्त्र-शस्त्र से विभूषित है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। अतः मां को चंद्रघंटा कहकर पुकारा जाता है। राक्षसों के वध के लिए मां अवतरित हुई हैं। इनमें त्रिदेव की शक्तियां समाहित हैं। मां का रूप अलौकिक और अतुल्य है, जो ममता की प्रतिमूर्ति है।

पूजा के शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 34 मिनट तक है।

सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 6 बजकर 21 मिनट से दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक है।

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक है।

विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर19 मिनट तक है।

पूजा मंत्र

भक्तों का कल्याण करने वाली मां चन्द्रघंटा का आह्वान निम्न मंत्र से करें-

1.

पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |

प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||

2.

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ॐ देवी चन्द्रघंटाय नमः॥

पूजा विधि

इस दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान से निवृत होकर पवित्र वस्त्र धारण करें और आमचन कर व्रत संकल्प लें। इसके पश्चात, मां चंद्रघंटा की पूजा फल, फूल, दूर्वा, सिंदूर, अक्षत, धूप, दीप से करें। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि मां को हलवा और दही अति प्रिय है। अतः प्रसाद में मां को फल, फूल, हलवा और दही अवश्य भेंट करें। अंत में आरती करें। दिन भर उपवास रखें और शाम में आरती करने के बाद फलाहार करें।

डिसक्लेमर-‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

More in धर्म-संस्कृति

Recent Posts

Facebook

Advertisement

Trending Posts

You cannot copy content of this page