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नित्यानंद ने कहां और कैसे बसाया अलग देश ‘कैलासा’, हिन्दु राष्ट्र का दावा, मनुस्मृति का कानून

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यूएन की बैठक में एक महिला भगवा कपड़ों में मानो ऐसे बैठी है जैसे वो किसी देश का प्रतिनिधि कर रही हो, लेकिन दरअसल यह महिला एक एनजीओ के तौर पर इस बैठक में शामिल हुई। लेकिन इस बैठक के बाद जिस तरह से इस महिला को लेकर चर्चा छिड़ी उसने दुनियाभर का ध्यान खींचा है। यहां हम जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है, और यह महिला कौन है –

नित्यानंद, जोकि भारत में रेप और यौन शोषण का आरोपी है, उसके खिलाफ इंटरपोल का नोटिस जारी है, लेकिन उसने एक अलग दुनिया बसा ली। और उस दुनिया का नाम रखा कैलासा। यहां नित्यानंद बेखौफ रहता है। कैलासा को वह हिंदू राष्ट्र कहता है और उसकी प्रतिनिधि विजयप्रिया जिसका पूरा नाम ‘मां विजयप्रिया नित्यानंद’ है संयुक्त राष्ट्र के मंच में शामिल होने का दावा करती है। भगोड़े नित्यानंद के अलग देश कैलासा को लेकर किसी के भी ज़ेहन में बड़े सवाल उठ सकते हैं।

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दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में कैलासा
भारत में रेप केस का आरोपी नित्यानंद का कैलासा दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में है। भारत से इसकी दूरी करीब 17 हजार किलोमीटर है। वैसे तो कैलासा वेबसाइट का दावा है कि दुनिया में उसके देश के नागरिक करीब 2 करोड़ हैं लेकिन यूएन में शामिल होने का दावा करने वाली विजयप्रिया नित्यानंद ने कहा है कि यहां की आबादी 20 लाख है। विजयप्रिया का दावा है कि 150 देशों में कैलासा के दूतावास हैं।

कब बना कैलासा ?
साल 2020 में नित्यानंद ने घोषणा की थी कि इक्वाडोर के पास उसने एक द्वीप खरीदा है और नए देश की स्थापना की है। वास्तव में जब हम किसी देश की बात करते हैं तो उस देश का अपना एक झंडा होता है। उसका संविधान होता है, पासपोर्ट और एक प्रतीक चिन्ह होता है। बात कैलासा की करें तो यहां की प्रतिनिधि ने दावा किया है कि कैलासा में हिंदू शास्त्रों और मनुस्मृति का कानून चलता है। कैलासा के बारे में यह भी बताया गया है कि बकायदा सभी मंत्रालय भी हैं।

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अलग देश बनाना कितना आसान ?
कैलासा के बारे में दावा है कि उसकी अपनी करेंसी भी है. लेकिन करेंसी बनाना, द्वीप खरीदना और देश बनाना-इनमें अंतर है। आमतौर पर रईस बिजनेसमैन द्वीप खरीद लेते हैं। लेकिन उसे अलग देश के रूप में मान्यता हासिल कर लेना आसान नहीं होता। इसके लिए इंटरनेशनल लॉ की शर्तों को पूरा करना जरूरी है।

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