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क्या तालिबान के राज वाले अफगानिस्तान को धन देना सही… अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट पर उठाए सवाल

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हाइलाइट्स

  • अरविंद केजरीवाल ने बजट में अफगानिस्तान की मदद के लिए आवंटन पर उठाए सवाल
  • केजरीवाल ने कहा कि क्या तालिबान के राज वाले अफगानिस्तान को पैसे देना ठीक है
  • उन्होंने पूछा कि क्या देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्ली के धन में ‘कटौती’ करके तालिबान को धन देना सही है

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय बजट में अफगानिस्तान की सहायता के लिए अलग से 200 करोड़ रुपये रखे जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने शनिवार को सवाल किया कि क्या शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्ली के लिए बजटीय आवंटन में ‘कटौती कर’ तालिबान शासित देश को धन देना सही है। केजरीवाल ने जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के बीच मतभेदों पर एक ‘खबर’ साझा करते हुए सरकार को सलाह दी कि वह दूसरों के काम में ‘दखल’ न दें।

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केजरीवाल ने एक ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार सबसे क्यों लड़ती है? न्यायाधीशों से, उच्चतम न्यायालय से, राज्य सरकारों से, किसानों और व्यापारियों से? सबके साथ झगड़ने से देश की तरक्की नहीं होगी। आप अपना काम कीजिए और दूसरों को भी उनका करने दीजिए। दूसरों के काम में दखल मत दीजिए।’ केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में फिर से एक खबर का हवाला देते हुए सवाल किया, ‘क्या देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्ली के धन में कटौती करके तालिबान को धन देना सही है? लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।’ केंद्र ने 2023-24 के अपने बजट में तालिबान शासित अफगानिस्तान की सहायता के रूप में 200 करोड़ रुपये अलग रखे हैं।

केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय को 2023-24 के लिए 18,050 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। ये पिछले साल के 17,250 करोड़ रुपये से 4.64 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें से 5,408 करोड़ रुपये को तमाम देशों को भारत की तरफ से विकास कार्यों के खातिर सहायता के तौर पर देने के लिए रखा गया है। इसके अलावा भारत की जी-20 की अध्यक्षता के लिए 990 करोड़ रुपये से ज्यादा रखे गए हैं।

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बजट में अफगानिस्तान की मदद के लिए 200 करोड़ रुपये रखा गया है। सबसे ज्यादा किसी देश की मदद के लिए बजट में व्यवस्था की गई है तो वह भूटान है जिसे 2400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। ये विदेश मंत्रालय की तरफ से दूसरे देशों की विकास में मदद के लिए दी जाने वाली राशि का 41.04 प्रतिशत है। भूटान के अलावा मालदव को भी भारत की तरफ से ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रॉजेक्ट जैसी परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी।

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