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उत्तराखण्ड

अजब-गजब: आरटीओ के सलाहकार बने दलाल, सोशल मीडिया पर कर रहे प्रचार

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रुद्रपुर : उप संभागीय कार्यालय में काम कराने के लिए दलाल बेखौफ हो चुके हैं। कर्मचारियों संग साठ-गांठ कर काम कराने का दावा भी रखते हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया पर डिजिटल विजिटिंग कार्ड आरटीओ सलाहकार के नाम से शेयर कर लोगों का काम मोटे दाम पर करा रहे हैं। इतना ही नहीं खुद को आरटीओ कार्यालय का कर्मचारी बता रहे हैं।

उप संभागीय परिवहन कार्यालय रुद्रपुर में इन दिनों दलाल कुछ ज्यादा ही एक्टिव हो चुके हैं। आरटीओ कार्यालय के बाहर गाड़ियों में, गेट पर और खिड़की पर काम कराते नजर आते थे, लेकिन अब नया तरीका भी शुरू कर दिया है।

इंटरनेट मीडिया फेसबुक पर एक ग्रुप संचालित हैं। इसमें जिले भर के करीब 80 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। ग्रुप में डिजिटल विजिटिंग कार्ड शेयर किया जा रहा है। जिसमें बकायदा आरटीओ सलाहकार लिखा हुआ है। 

इसके साथ ही लिखा हुआ है समस्त प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के ट्रांसफर, फिटनेस, एनओसी, परमिट आदि वाहन संबंधित कार्यो के लिए संपर्क सूत्र भी दिया है।

दिए गए नंबर पर फोन कर ग्राहक सेवा केंद्र का पता पूछने पर स्वयं को एआारटीओ कार्यालय का कर्मचारी बताता है। ऐसे ही कई लोग ऐसे भी हैं जो मौके पर डटे रहते हैं।

विभाग की ओर से इन्हें सह दिया जाता है, जिसके चलते बेखौफ दलाली में लिप्त हैं। इससे पहले भी कार में, गेट पर और कार्यालय के बाहर कई बार दलालों को देखा जाता है। लोगों से काम कराने के एवज में निर्धारित शुल्क से अधिक वसूलते हैं। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता कहें या उनके सह, जिसके चलते इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है।

आरटीओ सलाहकार बताने वाले से सवाल-जवाब

सवाल : हैलाे, कौन बोल रहा है। मेरा आरटीओ का काम है।

जवाब : क्या काम करवाना है?

सवाल : आपकी दुकान, सीएससी केंद्र कहां पर है?

जवाब : हमारी दुकान नहीं है, मैं आरटीओ में ही कर्मचारी हूं।

सवाल : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है।

जवाब : कल एआरटीओ कार्यालय के बाहर मिलो।

सवाल : कैसे होगा?

जवाब : आ, जाना वहीं पर हाथोहाथ करा दूंगा।

सवाल : कितने लोगों का?

जवाब : आना सोमवार को मिलना। फिर बताता हूं।

इस मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सेनी का कहना है कि एआरटीओ या आरटीओ की ओर से कोई सलाहकार नहीं रखा गया है और न ही रखा जाता है।

ग्राहक सेवा केंद्र से परिवहन संबंधित कार्य का सिर्फ 30 रुपये शुल्क निर्धारित है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति कर रहा है तो संबंधित एआरटीओ मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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