धर्म-संस्कृति
Shani Vakri 2022: 12 जुलाई को शनि हो रहे हैं वक्री, अगले 7 माह इन 2 राशियों का जीवन होगा मुश्किल भरा
Shani Vakri 2022: शनि ग्रह 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जहां पर वह 5 जून को वक्री हुए। इसके बाद 12 जुलाई को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर शनि अपनी स्वराशि मकर राशि में वक्री चाल से चलेंगे। मकर राशि में शनि 17 जनवरी 2023 तक वक्री चाल से चलेंगे। शनि के वक्री होने से कुछ राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी और कुछ गिरफ्त में आएंगे।
ज्योतिष गणना के अनुसार, जब शनि देव ने कुंभ राशि में गोचर किया था, तो उस समय मीन राशि, कुंभ राशि और मकर राशि पर साढ़ेसाती आरंभ हुई थी और कर्क राशि व वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गया था। लेकिन अब 64 दिनों के बाद शनि स्वराशि मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में कर्क और वृश्चिक राशि को ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं मिथुन और तुला राशि में ढैय्या शुरू हो जाएगी।
इन राशियों को मिलेगी शनि की ढैय्या से मुक्ति
कर्क राशि
29 अप्रैल को शनिदेव के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क राशि में शनि की ढैय्या शुरू हो गई थी। लेकिन मकर राशि में शनि के प्रवेश करते ही ढैय्या समाप्त हो जाएगी। क्योंकि इस राशि में शनि सातवें भाव में वक्री गोचर कर रहे हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों के दांपत्य जीवन में खुशियां आएगी। जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है उन्हें शादी का प्रस्ताव मिलेगा। नौकरी में लाभ मिलेगा। इसके साथ ही अगर बिजनेस पार्टनरशिप में है, तो थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
वृश्चिक राशि
अप्रैल में शनि के गोचर से कर्क के साथ वृश्चिक राशि में भी शनि की ढैय्या शुरू हो गई थी। लेकिन मकर राशि में प्रवेश कर ही ढैय्या हट जाएगी। ऐसे में इस राशि के जातकों को नई नौकरी मिल सकती है। व्यापारी लोगों को पिछले साल से ज्यादा मुनाफा मिलेगा। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले खाका जरूर बना लें। इससे आपको सफलता जरूर मिलेगी।
इन दो राशियों में शुरू होगी शनि की ढैय्या
शनि के स्वराशि मकर राशि में प्रवेश करते ही मिथुन राशि और तुला राशि में ढैय्या शुरू हो जाएगी।
मिथुन राशि
इस राशि में शनि का वक्री गोचर आठवें भाव में हो रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों को अचानक धन हानि या फिर लाभ का सामना करना पड़ सकता है। ढैय्या के कारण लाइफ में कई बड़े बदलाव आ सकते हैं। आर्थिक स्थिति थोड़ी सी डामाडोल हो सकती है।
तुला राशि
तुला राशि में शनि का वक्री गोचर चौथे भाव में हो रहा है। ऐसे में इस राशि में भी शनि की ढैय्या लग रही है। ऐसे में राशि के जातकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ये परेशानी आर्थिक, मानसिक या फिर शारीरिक हो सकती है। व्यापार और नौकरी में लाभ मिलने के आसार है।
डिस्क्लेमर
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