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उत्तराखण्ड

दुखद: यहां आंगन से बच्चे को उठा ले गया गुलदार, वन विभाग की टीम मौके पर रवाना

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कोटद्वार: जनपद पौड़ी की चाकीसैंण तहसील के अंतर्गत ग्राम बड़ेथ में गुलदार एक बच्चे को घर के आंगन से उठा ले गया। वन विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ बच्चे को तलाश रही है। घटना गुरुवार रात्रि करीब आठ बजे की है।

घर के आंगन में खेल रहा था बच्‍चा

ग्राम बड़ेथ निवासी लाल सिंह का 4 वर्षीय पुत्र आर्यन रावत घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान अचानक गुलदार ने आर्यन पर झपट्टा मार दिया और उसे घसीटते हुए झाड़ियों की ओर ले गया। राजस्व निरीक्षक चेतन सिंह रावत ने बताया कि सूचना मिलते ही गढ़वाल वन प्रभाग के साथ ही थैलीसैंण थाने से पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हो गई। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीण वन विभाग के साथ बच्चे की तलाश में जुटे हुए थे।

तो बूढ़े गुलदार ने किया महिला का शिकार

प्रखंड दुगड्डा के अंतर्गत ग्राम गोदी बड़ी में लगाए गए पिंजरे में बीती रात एक मादा गुलदार फंस गई। इस मादा गुलदार के कैनाइन टूटे हुए हैं। साथ ही एक आंख भी खराब है। ऐसे में वन महकमा यह मान रहा है कि बीती 19 जुलाई को इसी गुलदार ने रीना देवी को निवाला बनाया होगा। हालांकि, ग्रामीण विभाग के इस मत से सहमत नहीं हैं।

गुलदार को घोषि‍त क‍िया था आदमखोर

बीती 19 जुलाई को ग्राम गोदी बड़ी निवासी रीना देवी को गुलदार ने उस वक्त निवाला बना दिया, जब वह अपने पुत्र को राजकीय इंटर कालेज दुगड्डा छोड़कर वापस घर की ओर लौट रही थी। घटना के बाद वन विभाग ने घटनास्थल के समीप दो पिंजरे लगा दिए। 24 जुलाई को पानी लेने गई गांव की महिलाओं पर पुन: गुलदार ने झपट्टा मारने का प्रयास किया, जिसके बाद 27 जुलाई को गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया।

गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया

28 जुलाई की शाम मुरादाबाद से आए शिकारी राजीव सुलोमन ने गांव में मोर्चा संभाल लिया। इसी बीच बीती रात्रि करीब सवा नौ बजे पिंजरे में एक गुलदार कैद हो गया, जिसे तत्काल ही वन कर्मी दुगड्डा रेंज कार्यालय में ले आए। यहीं पर गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया।

मादा गुलदार की उम्र 12 से 15 वर्ष के मध्य

प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी ने बताया कि पिंजरे में फंसा गुलदार मादा है, जिसकी उम्र 12 से 15 वर्ष के मध्य है। इस गुलदार के ऊपरी जबड़े में कोई दांत नहीं है, जबकि निचले जबड़े के भी कई दांत टूटे हुए हैं। साथ ही बायीं आंख मोतियाबिंद के कारण पूरी तरह सफेद हो गई है। उन्होंने बताया कि मादा गुलदार जंगली जानवर का शिकार करने में पूरी तरह अक्षम है। ऐसे में इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसी गुलदार ने रीना देवी पर हमला किया होगा। बताया कि गुलदार को चिड़ियापुर स्थित रेक्स्यू सेंटर में भेज दिया गया। साथ ही गांव से शिकारी को भी वापस बुला लिया गया है।

गांव में फिर दिखा गुलदार

बीती रात पिंजरे में गुलदार फंसने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस भी न ली थी कि घटना के कुछ देर बाद ही गांव में एक और गुलदार नजर आ गया। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद विभागीय टीम मौके पर पहुंची। वन क्षेत्राधिकारी धर्मानंद ध्यानी ने बताया कि एक पिंजरा अभी गांव के समीप ही लगा हुआ है। साथ ही गांव में विभागीय कर्मियों की गश्त भी जारी रहेगी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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