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उत्तराखण्ड

नशा मुक्ति केंद्र में नशा और मानवता का नाश: संचालक लड़कियों से करता था गंदी हरकत

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देहरादून : दून में अगस्‍त 2021 में एक ऐसा मामला सामने आया, जिससे शहर में चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र की शर्मनाक सच्‍चाई सबके सामने आ गई। शहर के समीपवर्ती क्लेमेनटाउन इलाके में चल रहे उक्‍त सेंटर में संचालक नशे का लालच देकर युवतियों के साथ छेड़छाड़ और दुष्‍कर्म करता था। यह बात खुद सेंटर में नशा छोड़ने आई एक युवती ने पुलिस को बताई थी।

खुद ही नशे के आदी थे संचालक विद्यादत्त व विभा

हैरानी की बात यह थी कि संचालक विद्यादत्त व विभा खुद ही नशे के आदी थे। नशा छोड़ने के लिए वह नेहरू कालोनी में एक केन्द्र में भी गए और कुछ महीने बाद दोनों ने उसी केन्द्र में काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन्‍हें किराया पर घर लेकर क्‍लेमेनटाउन में नशा मुक्ति केन्द्र खोला था।

संचालक की इस करतूत का खुलासा तब हुआ जब पांच अगस्‍त को सेंटर की चार युवतियां किसी तरह वहां से भाग निकलीं। उन्‍होंने पुलिस का नशा मुक्ति केन्द्र का सच बताया, जिसके बाद हड़कंप मच गया। जिसके बाद पुलिस ने देवप्रयाग, पौड़ी निवासी सेंटर संचालक विद्यादत्त रतूड़ी और उसकी साझीदार अलीगढ़ उप्र निवासी विभा सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया था।

एक युवती के साथ विद्यादत्त ने कई बार किया दुष्कर्म

सेंटर संचालक की करतूत से परेशान होकर सेंटर से भागी चार युवतियों में से तीन देहरादून और एक रुड़की की रहने वाली थी। पूछताछ में युवतियों ने सेंटर संचालक के काले कारनामों का सच बताया। संचालक विद्यादत्त नशे की लत छुड़वाने की जगह इन युवतियों को नशे का लालच देता था। नशीला पदार्थ मुहैया कराने का लालच देकर एक युवती के साथ विद्यादत्त ने कई बार दुष्कर्म भी किया। वहीं अन्य युवतियों के साथ छेड़छाड़ की।

शिकायत करने पर होती थी पिटाई

पीड़ि‍त युवती जब दुष्कर्म की शिकायत संचालक की साझीदार विभा सिंह से की तो उसने उसे बुरी तरह पीट दिया। इतना ही नहीं सेंटर में अन्‍य युवतियों को भी पीटा जाता था। युवतियों ने पुलिस को अपने शरीर पर पिटाई के निशान भी दिखाए थे। पुलिस ने सेंटर की तलाशी ली तो वहां से नशे की सामग्री भी बरामद हुई। वहां न कोई चिकित्‍सक तैनात था और न कोई काउंसलर था।

आवेदन करने वालों के घर ही पहुंच जाते थे आरोपित

फरवरी में केन्द्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी व साझीदार विभा सिंह ने आनलाइन केन्द्र चलाने के लिए अनुमति ली थी। दोनों ने दो मंजिला भवन किराये पर लिया और केन्द्र शुरू कर दिया। यह सेंटर फरवरी 2021 में शुरू हुआ था। नशा छोड़ने के लिए जो लोग आवेदन करते थे, आरोपित उनके घर खुद ही पहुंच जाते थे। दो मंजिले इस सेंटर में ऊपरी मंजिल में पांच युवतियां और भूतल पर 17 युवक रह रहे थे। सभी नशे की लत छुड़वाने के लिए सेंटर में आए थे।

बीड़ी-तंबाकू का पैकेट देकर कमरे में बंद कर देता था संचालक

नशा छुड़ाने के नाम पर पीड़ितों के स्वजन से प्रति व्यक्ति तीन से छह हजार रुपये फीस ली जाती थी, लेकिन केन्द्र में मेडिकल की कोई सुविधा नहीं थी। सेंटर में रह रहे युवक खुद ही खाना बनाते थे। केन्द्र संचालक उन्‍हें बीड़ी और तंबाकू का पैकेट देकर कमरे में बंद कर देता था। पुलिस द्वारा कमरों की तलाशी लेने पर नशे की सामग्री भी बरामद हुई थी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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