उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के आसमान में दिखा अद्भुत नजारा, चमकीले छल्ले को देख अचरज में पड़े लोग
देहरादून : Solar Halo : उत्तराखंड के आसामान में अद्भुत नजारा देख लोग अचरज में पड़ गए। लोगों के बीच यह चर्चा आम रही कि यह क्या है।
दोपहर के समय लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा छल्ला
कई लोग इसे अपशकुन कहने लगे तो कई लोगों ने कहा यह गोल इंद्रधनुष है। बहरहाल सूर्य के चारों ओर बना यह छल्ला लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। यह दृश्य दोपहर के समय देखने को मिला।
वायुमंडलीय विक्षोभ से सूर्य के चारों ओर बनता है छल्ला
रविवार को सूर्य के चारों ओर बना छल्ला (रिंग) आकर्षण का केंद्र बना रहा। विज्ञानियों के मुताबिक इस छल्ले को सोलर हालो कहते हैं। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार सूर्य या चंद्रमा के चारों बनने वाला प्रकाश का छल्ला एक वायुमंडलीय विक्षोभ है।
क्या होता है Solar Halo और कैसे बनता है?
आसमान में पांच से दस किमी की ऊंचाई पर यह रिंग तब बनता है, जब बादलों में मौजूद बर्फ के रूप में जमा पानी या बर्फ के कण छितरा जाते हैं। उस ऊंचाई पर तापमान बहुत कम रह जाता है।
इस वृत्ताकार स्थिति को 22 डिग्री प्रभामंडल भी कहा जाता है
सूर्य से धरती की वास्तविक दूरी लगभग 15 करोड़ किमी है। प्रकाश की इस वृत्ताकार स्थिति को 22 डिग्री प्रभामंडल भी कहा जाता है। क्योंकि इस तरह की वायुमंडलीय घटना अधिकांश सूर्य के 22 डिग्री पर पहुंचने पर होती है।
यह एक खगोलीय घटना है जो ठंडे देशों में बहुत ही सामान्य मानी जाता है। हालांकि, भारत में कभी-कभी ही दिखाई देता है। यह सिर्फ सूर्य की रोशनी से ही नहीं बनता है बल्कि चंद्रमा की रोशनी से भी बनता है।
इससे पहले भारत में ऐसा छल्ला 25 मई 2021 को देखा गया था। यह भी सूर्य के चारों तरफ गोल सतरंगी इंद्रधनुष जैसा दिखा था।