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दिल्ली

क्यों फिर मोदी पर हमलावर हुए अरविंद केजरीवाल, समझें रणनीति में बदलाव की वजह

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल गुरुवार को विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर बरसे। ना सिर्फ भाजपा पर हमले किए बल्कि लंबे अरसे बाद वह पीएम नरेंद्र मोदी पर भी बेहद आक्रामक दिखे। उन्होंने द कश्मीर फाइल्स का जिक्र करते हुए यहां तक कह डाला कि काम नहीं करने की वजह से उन्हें विवेक अग्निहोत्री के चरणों में शरण लेनी पड़ रही है। दिल्ली के सीएम ने रोजगार को लेकर उन्हें हिटलर से भी खराब बताया।

‘विवेक अग्निहोत्री के चरणों में मोदी’
उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए केजरीवाल एमसीडी चुनाव टालने को लेकर भाजपा पर जमकर बरसे और आरोप लगाया कि भाजपा देश में चुनाव नहीं चाहती है। द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने की बीजेपी की मांग पर केजरीवाल ने कहा, ”8 साल केंद्र सरकार चलाने के बाद अगर किसी देश के प्रधानमंत्री को विवेक अग्निहोत्री के चरणों में शरण लेनी पड़े तो इसका मतलब उस प्रधानमंत्री ने 8 साल में कोई काम नहीं किया। 8 साल खराब कर दिए। बताओ विवेक अग्निहोत्री के चरणों में उन्हें शरण लेनी पड़ रही है, बचा लो, बचा लो।”

हिटलर कम से कम नौकरी देता था: केजरीवाल
केजरीवाल ने आगे कहा, ”हिटलर भी कम से कम अपने चमचों को नौकरी देता था, रोजगार देता था, इतिहास उठाकर पढ़ लो। उसने रोजगार तो दिया था, इन्होंने (मोदी ने) क्या दिया आपको (बीजेपी विधायक), आपके बच्चों को नौकरी दी? आपके घर में खाने-पीने का इंतजाम किया? आपकी बिजली का इंतजाम किया? केजरीवाल काम आता है आपके, आपके घर की भी बिजली फ्री कर रखी है। दिल्ली के 12 लाख बच्चों को नौकरी दी है मैंने। आपके घर में कोई बीमार हो केजरीवाल दवा पहुंचाता है, मोदी नहीं।”

मई 2019 के बाद मोदी का नाम लेना कर दिया था बंद 
मोदी को कभी बेशर्म तानाशाह, कायर और मनोरोगी तक बता चुके अरविंद केजरीवाल ने लंबे समय बाद इस तरह पीएम मोदी को सीधे निशाने पर लिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तक मोदी के खिलाफ बेहद आक्रामक रुख रखने वाले केजरीवाल ने नतीजों के बाद अचानक अपनी रणनीति बदलते हुए पीएम मोदी का नाम लेना लगभग बंद कर दिया था। एक साल से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध तो किया लेकिन मोदी के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने दर्जनों रैलियां कीं, लेकिन कभी मोदी का नाम नहीं लिया। वह अपने हमलों को भाजपा तक ही सीमित रखते थे। 

गुजरात चुनाव की वजह से बदली रणनीति?
लंबे अरसे बाद एक बार फिर केजरीवाल ने मोदी को निशाने पर लिया है तो इसके मायने तलाशे जाने लगे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संभवत: गुजरात चुनाव को लेकर केजरीवाल ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इस साल के अंत में होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनाव से आम आदमी पार्टी को काफी उम्मीदें हैं। भले ही मोदी अब गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन राज्य की राजनीति अब भी उनके नाम और चेहरे के ईर्द-गिर्द ही घूमती है। माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव को ध्यान में रखकर ही केजरीवाल ने मोदी को सीधे निशाने पर लेना शुरू किया है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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