राष्ट्रीय
कड़ी कार्रवाई: देश के सबसे बड़े सुरक्षा बल सीआरपीएफ के डीआईआई आरएस रौतेला को जबरन किया रिटायरमेंट
दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, ‘सीआरपीएफ’ के एक डीआईजी को कई वर्ष पहले से ही सेवा से हटा दिया गया है। यानी उन्हें जबरन रिटायरमेंट दे दी गई है। मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि इंफाल में तैनात डीआईजी रेंज, आरएस रौतेला ने कई जगहों पर अपनी मनमानी की है। उन्होंने फोर्स के नियमों का कथित उल्लंघन किया है। उन्हें कई बार चेताया गया था, लेकिन इसके बावजूद वे अपनी मनमर्जी से काम करते रहे। बल मुख्यालय ने उन्हें तीन माह का नोटिस देकर घर भेजने के आदेश जारी किए हैं। सीआरपीएफ में कई वर्षों बाद ऐसी सख्त सजा देने का मामला सामने आया है।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार के नियमानुसार, 25 साल की सेवा के बाद या संबंधित कर्मी व अधिकारी की आयु 50 साल होने पर उसकी समीक्षा की जाती है। पहले इस समीक्षा को हल्के में ले लिया जाता था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस समीक्षा को गहराई से किया जाने लगा है। पहले रिव्यू में अगर किसी अफसर की खराब रिपोर्ट है, तो उसे छोटी-मोटी सजा देकर छोड़ देते थे। अब न केवल अर्धसैनिक बलों, अपितु केंद्र के दूसरे विभागों में भी ऐसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। डीओपीटी द्वारा इस बाबत समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते हैं।
मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जबरन रिटायरमेंट की पुष्टि करते हुए कहा, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। अगर कोई अधिकारी या जवान, तय नियमों के मुताबिक काम नहीं करेगा तो उसे समय पूर्व सेवानिवृत्ति दे दी जाती है। डीआईजी पर आरोप है कि उन्होंने कभी भी टीम भावना से काम नहीं किया। केवल एक जगह पर नहीं, बल्कि उनकी तैनाती वाले कई स्थानों से नकारात्मक रिपोर्ट मिली थी। मुख्यालय को उस स्थिति में यह कदम उठाना पड़ा है, जब इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था। पहले उन्हें खुद में सुधार करने के लिए कई मौके दिए गए। जबरन रिटायरमेंट के बाद अब डीआईजी रौतेला को पेंशन मिलेगी।