क्राइम
झारखंड: उजाड़ दिया गरीबों का घर, भाजपा नेत्री ने पीटकर किया अधमरा, पेट्रोल छिड़क जलाई गई अंकिता
रांची। राज्यपाल रमेश बैस राज्य में हाल के दिनों में लगातार हो रही अमानवीय व हिंसक घटनाओं को लेकर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने इन घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं शर्मनाक हैं। उन्होंने पुलिस की शिथिलता पर भी चिंता प्रकट करते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की है। एक दिन पूर्व भी राज्यपाल ने कहा था कि प्रदेश की जनता घर, दुकान, माल, सड़क कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है।
पलामू में मुसलमानों ने उजाड़ दिया मुसहरों का घर
राज्यपाल ने सोमवार को पलामू जिले के पांडु थाना क्षेत्र के मुरुमातु गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर अपनी चिंता प्रकट की। उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पलामू के उपायुक्त को फोन कर इस तरह की घटना पर नाराजगी प्रकट की। साथ ही उपायुक्त को इस घटना को लेकर दो दिनों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने का सख्त निर्देश दिया। राज्यपाल ने कहा कि इतनी बड़ी घटना जिला प्रशासन की जनता की सुरक्षा के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।
भाजपा नेत्री सीमा ने नौकरानी पर कहर बरपाया
इधर, राज्यपाल ने रांची के अशोक नगर स्थित रोड नंबर एक की निवासी भाजपा नेत्री तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त पदाधिकारी महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा द्वारा घर में काम करनेवाली युवती सुनीता के साथ अत्यंत अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किए जाने की खबर पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने लगातार दूसरे दिन राज्य के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा को फोन कर इस घटना की जानकारी ली। उन्होंने सख्त लहजे में पुलिस महानिदेशक से पूछा कि अबतक पुलिस द्वारा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इस मामले में भी पुलिस की शिथिलता पर उन्होंने अपनी गंभीर चिंता प्रकट की।
पेट्रोल डालकर अंकिता को जिंदा जलाना शर्मनाक
बता दें कि एक दिन पूर्व भी उन्होंने दुमका की अंकिता सिंह की जघन्य हत्या को राज्य के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा था कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने डीजीपी को फोन कर स्थानीय पुलिस की भूमिका की जांच करने का आदेश भी दिया था। उन्होंने यहां तक कहा कि ऐसी घटनाओं से राज्य की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। राज्यपाल को यहां तक कहना पड़ा कि उनके द्वारा पूर्व में भी पुलिस महानिदेशक को राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए इसे प्रभावी व दुरुस्त करने का निदेश दिया गया था लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा है।