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हिमालयी वायग्रा कीड़ा जड़ी की तस्करी कर रहे दो युवक गिरफ्तार, नपुंसकता और कैंसर समेत कई बीमारियों में असरदार, सोने से भी महंगी

क्राइम

उत्तराखंड में बेशकीमती जड़ी की तस्करी, 15 लाख रुपये किलो है कीमत, दो तस्कर गिरफ्तार

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हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है उनके पास से पुलिस ने करीब 800 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की है। जी हां, कीड़ा जड़ी की कीमत लाखों में बताई जा रही पकड़ा गया आरोपी राजस्थान का है जबकि दूसरा आरोपी उत्तराखंड के बागेश्वर का रहने वाला है।

पुलिस ने हल्द्वानी में दो आरोपियों को कीड़ा जड़ी के साथ में गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी हरबंस सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे चेकिंग अभियान के दौरान कार्यवाही की गई। सूचना मिली कि 2 युवक प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस ने नैनीताल रोड पर चेकिंग अभियान के दौरान दोनों तस्करों को रंगे हाथ पकड़ा और जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके पास से 800 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की गई पूछताछ में।

आरोपियों ने बताया कि उनका नाम सुबोध कुमार और भूपेश है। सुबोध उत्तराखंड के रहने वाले हैं जबकि भूपेश सिंह राजस्थान के। दोनों के खिलाफ कोतवाली हल्द्वानी में धारा 26 के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है। दोनों आरोपियों ने बताया कि वह कीड़ा जड़ी को पहाड़ से लाकर दिल्ली तस्करी करने की फिराक में थे।

आरोपियों ने बताया कि वह एक-दूसरे को काफी समय से जानते हैं और कीड़ा जड़ी बेचने का काम कर रहे हैं। कीड़ा जड़ी की पुष्टि के लिए पुलिस ने वन विभाग के डिप्टी रेन्जर नवीन सिंह रैकवाल व वन बीट अधिकारी अरुण कुमार तराई केन्द्रीय वन प्रभाग को मौके पर बुलाया। पुलिस ने सुबोध के बैग से 624 ग्राम व भूपेश से 158 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद की है।

चलिए आपको बताते हैं कि कीड़ा जड़ी की कीमत आखिर इतनी ज्यादा क्यों है और क्यों लोग इसकी तस्करी कर रहे हैं। कीड़ा जड़ी हिमालय में समुद्र तल से 3,500 से लेकर 5,000 मीटर तक की ऊंचाई पर मिलती है। लोग इन जड़ी को इकट्ठा करके बेचते हैं। भारत के उत्तराखंड के अलावा यह जड़ी चीन, नेपाल और भूटान के हिमालयी क्षेत्रों में भी मिलती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह जड़ी करीब 18 लाख रुपये किलो बिकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग को देखते हुए इसकी तस्करी भी होती है। कीड़ा जड़ी का इस्तेमाल प्राकृतिक स्टीरॉयड की तरह किया जाता है। यौन शक्ति बढ़ाने में यह जड़ी काफी असरदार है।

इसी वजह से इसे हिमालयी वायग्रा के नाम से जाना जाता है। इस जड़ी के इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर कोई खराब असर नहीं पड़ता है। कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में भी इस जड़ी को काफी असरदार माना जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक, सांस और गुर्दे की बीमारी को सही करने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह जड़ी शरीर में रोगरोधी क्षमता को भी बढ़ाती है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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