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गज़ब : 100 की रफ़्तार में बस और ड्राइवर बेहोश, फिर 55 यात्रियों के लिए कैसे फरिश्ता बने असिस्टेंट कमांडेंट

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रुद्रपुर। हल्द्वानी से दिल्ली जा रही रोडवेज बस का चालक संदिग्ध हालात में बेहोश हो गया। इससे बस अनियंत्रित होकर टांडा जंगल रोड पर 100 की स्पीड में दौड़ने लगी। बस सवार 55 से अधिक यात्रियों में चीख-पुकार करने लगे।गनीमत रही कि बस में सीआइएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट भी सवार थे। जिन्होंने सतर्कता बरतते हुए तत्काल चालक को स्टेयरिंग से हटाया और बस को सड़क किनारे लगाकर ब्रेक मार कर रोक दिया। जिसके बाद बस में सवार लोगों ने राहत की सांस ली।

यात्रियों का आरोप है कि बस चालक और कंडक्टर दोनों नशे में थे। पुलिस ने चालक पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही बस को भी कब्जे में ले लिया है।उत्तराखंड परिवहन निगम की बस यूके-04-पीए-1928 में सवार यात्रियों के मुताबिक सोमवार दोपहर बस हल्द्वानी रोडवेज स्टेशन से दिल्ली के लिए निकली थी। 55 सीटर बस में 55 से अधिक सवारी थी। हल्द्वानी में ही बस चालक ने एक दुकान के पास बस रोकी और कुछ सामान लिया। जिसके बाद हल्द्वानी से बस रुद्रपुर की ओर आ गई। टांडा जंगल स्थित नैनीताल रोड पर अचानक बस अनियंत्रित हो गई और 100 की स्पीड से सड़क पर दौड़ने लगी।साथ ही बस का चालक भी स्टेयरिंग पर बेहोश हो गया। इससे बस टांडा जंगल नैनीताल रोड पर अनियंत्रित हो गई।

चालक के स्टेयरिंग पर लेट जाने और तेज रफ्तार अनियंत्रित बस से उसमें सवार यात्रियों के होश उड़ गए। बस में चीख पुकार मचनी शुरू हो गई। यह देख बस में सवार असिस्टेंट कमांडेंट सीआइएसएफ सोनू शर्मा अपनी सीट से उठे और चालक की सीट तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कंडक्टर और अन्य यात्रियों की मदद से पहले चालक को सीट से हटाया।इसके बाद असिस्टेंट कमांडेंट से खुद चालक की सीट संभाली और बस में नियंत्रण करते हुए उसे सड़क किनारे रोक दी। जिसके बाद डरे सहमे यात्री एक के बाद एक बस से उतर आए। बाद में सूचना पर उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ही पुलिस भी पहुंच गई। लोगों ने चालक और कंडक्टर का मेडिकल कराने की मांग की। जिस पर पंतनगर थाना पुलिस ने यात्रियों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची रोडवेज की दूसरी बस से यात्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

सीआइएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने बस को संजय वन के पास सड़क किनारे पार्क किया। जिसके बाद बस के कंडक्टर ने मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए दूसरी बस या चालक की व्यवस्था किए जाने के लिए संपर्क किया। करीब एक घंटे तक बस में सवार यात्री संजय वन के पास खड़े रहे। उनका कहना था कि कई बार काल करने के बाद भी न तो रोडवेज से कोई आया और न ही पुलिस ही पहुंची।टांडा जंगल हाईवे पर हुई इस घटना के बाद यात्री एक घंटे से अधिक समय तक सड़क पर ही मदद की आस में खड़े रहे। इस दौरान मामला एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी के संज्ञान में आया। उन्होंने पंतनगर थाना पुलिस को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर पंतनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और यात्रियों से जानकारी ली।

यात्रियों को दूसरी बस में बैठाने के बाद पुलिस ने बस को कब्जे में लिया और चालक को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गए।एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि चालक की लापरवाही से बस में सवार दर्जनों यात्रियों की जान जा सकती थी। इसे गंभीरता से लेते हुए पंतनगर थाना पुलिस को चालक का मेडिकल कर जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

यात्रियों ने संजय वन से उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों से संपर्क किया। इस दौरान रुद्रपुर रोडवेज के अधिकारियों से भी संपर्क किया गया। लेकिन एक घंटे बाद भी रुद्रपुर रोडवेज के अधिकारी और कर्मचारी सात किलोमीटर दूर नहीं पहुंच पाए। जिससे यात्रियों में काफी आक्रोश दिखाई दिया।मामले में एआरएम रुद्रपुर महेंद्र कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मौके पर स्टेशन प्रभारी इंचार्ज दीवान लाल को भेजा गया है।

ससुराल में बच्चों को छोड़कर जा रहे थे सोनू शर्मा दिल्ली

बस में सवार 55 से अधिक यात्रियों की जान बचाने वाले सोनू शर्मा मूलरूप से दिल्ली के बुराड़ी के रहने वाले हैं।सोनू ने फोन पर बताया कि वह वर्तमान में सीआइएसएफ के एसआइ पद पर हैं। उनका असिस्टेंट कमांडेंट के लिए सलेक्शन हो गया है। 26 मई से उनकी हैदराबाद में ट्रेनिंग होनी है। इसके लिए वह सोमवार को अपनी पत्नी और बच्चों को हल्द्वानी भोटिया पड़ाव स्थित ससुराल में छोड़कर दिल्ली से होते हुए हैदराबाद को जा रहे थे।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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