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Guru Ravidas Jayanti 2022: कब है रविदास जयंती, जानें-इनके बारे में सबकुछ

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Guru Ravidas Jayanti 2022: हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ माह में पूर्णिमा तिथि को संत रविदास जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार, 16 फरवरी को संत रविदास जयंती है। हालांकि, संत रविदास की जन्म तिथि को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कई इतिहासकारों का कहना है कि संत रविदास का जन्म सन 1398 ईं में हुआ है। वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि उनका जन्म सन 1482 में हुआ है। संत रवि का संबंध चमार से परिवार में हुआ था। इनके पिताजी का नाम रघू और माताजी का नाम घुरविनिया था।

बाल्यकाल से संत रवि हर एक कार्य को लगन और ध्यान से करते थे। पिताजी के कार्यों में हमेशा हाथ बंटाते थे। उनकी मधुर वाणी और व्यवहार पर हर कोई प्रसन्न रहते थे। संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त भेदभाव से उठकर कार्य करने का प्रयत्न किया। इन्होंने भक्ति और साधना कर प्रभु की पूजा की। वे संत, कवि और भगवान भक्त थे। इनकी रचना में भक्ति की भावना और आत्म निवेदन पाई जाती है। संत रविदास जी ने लोगों को ईश्वर को प्राप्त करने के लिए भक्ति मार्ग का चयन करने की सलाह दी। स्वंय भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास जी ने ईश्वर और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति की। इनकी रचना बेहद प्रमुख हैं। आज भी भजन-कीर्तन के समय रैदास जी की रचना गाया जाता है।

प्रभुजी तुम चंदन हम पानी।

जाकी अंग अंग वास समानी।।

रैदास जी के ने अपनी रचना में प्रभू का गुणगान किया है। साथ ही भाषा को सरल और सहज रखा है। आम जनमानस के मुख पर रैदास जी की रचना रहती है। संत रविदास जी ने कविता के जरिए अपने जीवन की घटनाआों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है।

रैदास जयंती महत्व

इस दिन मंदिर और मठों में कीर्तन-भजन का विशेष आयोजन किया जाता है। कई जगहों पर झाकिंया निकाली जाती हैं। साथ ही कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं। इनमें संत रविदास जी की जीवन गाथा सुनाई जाती है। लोग संत और महात्मा रविदास जी के पदचिन्हों पर चलने का लक्ष्य बनाते हैं। सत्संग में संत रविदास जी की रचनाओं का भजन कीर्तन में गायन होता है। लोग भक्तिभाव से संत रविदास जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं। महान संत रविदास को शत-शत नमन।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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