Connect with us

धर्म-संस्कृति

Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा का पर्व आज, मंदिरों और गुरुद्वारों में होंगे कार्यक्रम; यह है पूजन का शुभ समय

खबर शेयर करें -

देहरादून: Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा का पर्व आज यानी बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। द्रोणनगरी भी गुरुओं की आराधना के लिए तैयार है। इस पावन अवसर पर शिष्य जहां गुरुओं का आशीर्वाद लेंगे, वहीं गुरुओं के सम्मान में मंदिरों और गुरुद्वारों में पूजन व भजन-कीर्तन होगा।

हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व

विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से गुरुओं को सम्मानित कर गुरु शिष्य परंपरा को निभाने का संदेश दिया जाएगा। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, मान्यता है कि इस दिन पराशर ऋषि के पुत्र कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास का जन्म हुआ था।

यह है पूजा के लिए शुभ समय

महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस को ही गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सुबह चार बजे से दोपहर दो बजकर 45 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ है।

मंदिरों में होगी विशेष पूजा-अर्चना

शहर के टपकेश्वर महादेव मंदिर, वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर, आदर्श मंदिर पटेलनगर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर नेहरू कालोनी, सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर समेत विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।

इससे पहले मंदिरों को फूलों से सजाने की तैयारी चल रही है। वहीं, गुरुद्वारों में कथा-कीर्तन होगा। मुख्य कार्यक्रम गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में होगा।

यह है पूजा विधि

सनातन परंपरा के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। प्रात: उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर गुरु को टीका लगाकर प्रसाद खिलाएं।

उनका आशीर्वाद लें और श्रद्धा व क्षमतानुसार उन्हें गुरु दक्षिणा भेट दें। गुरु का आभार व्यक्त करने के लिए वैसे ही तैयारी करें, जैसे भगवान की पूजा के लिए करते हैं।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

More in धर्म-संस्कृति

Recent Posts

Facebook

Advertisement

Trending Posts

You cannot copy content of this page