Connect with us
केदारनाथ और बदरीनाथ के केन्द्र बिंदु में स्थित भगवान रुद्रनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर Gopeshwar Gopinath Temple से कुछ अशुभ संकेत सामने आए हैं।

चमोली

देवभूमि के गोपीनाथ मंदिर से मिले खतरनाक संकेत, मंदिर झुक रहा है, पानी टपक रहा है

खबर शेयर करें -

चमोली: उत्‍तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर में स्थित हैं भगवान गोपीनाथ। शीतकाल के दौरान यहां 6 महीने भगवान रुद्रनाथ रहते हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ के केन्द्र बिंदु में स्थित भगवान रुद्रनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से कुछ अशुभ संकेत सामने आए हैं। धीरे धीरे खबरों में ये बात सामने आ रही है कि गोपीनाथ मंदिर एक तरफ झुक रहा है और इस मंदिर के गर्भगृह में पानी टपक रहा है।

जाहिर है कि इससे मंदिर में आस्था रखने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई होगी। मन्दिर के पुजारियों और हकहकूक धारियों ने मंदिर के झुकने ओर क्षतिग्रस्त होने की सूचना जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग को दी है। गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ये मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन गद्दी स्थल है।

पौराणिक काल से ये मंदिर अपने निर्माण शैली को लेकर आकर्षण का केंद्र रहा है। इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया था। कहते हैं कि ये मंदिर कत्यूरी राजाओं द्वारा बनाया गया था । पहले से मंदिर की व्यवस्था स्थानीय हक-हकूकधारियों के पास थी। इस दौरान मंदिर अलग-अलग जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा था। अब इसका संरक्षण पुरातत्व विभाग करता है।

ये मंदिर उत्तर-भारत के सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर से जुड़ी हुई कई धार्मिक कथाएं हैं और हर वर्ष हजारों लोग भगवान शिव के दर्शनों के लिए यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर के झुकाव और अलग-अलग जगहों पर दरारों को देखते हुए पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन को गंभीरता से सोचना होगा। बिना वक्त गंवाए गोपीनाथ मंदिर के संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार करनी होगी।

अपने आराध्य देव भगवान शिव के मंदिर की ये स्थिति देखकर भक्त भी चिंतित हैं। अब जरा इस बिंदु पर बात करते हैं कि आखिर गोपेश्वर की हालत भी क्यों जोशीमठ जैसी हो रही है। गोपेश्वर में कई साल पहले से जिला मुख्यालय रहा है । शिक्षा स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं देख बड़ी संख्या में लोगों ने घर बनाए। लगातार जनसंख्या बढ़ने के बाद ड्रेनेज सिस्टम अव्यवस्थित हो गया। सही ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से गोपेश्वर के कई हिस्से भूस्खलन की चपेट में हैं।

अब इसका प्रभाव अब गोपीनाथ मंदिर के आसपास भी पड़ रहा है। अगर गोपीनाथ मंदिर वास्तव में एक ओर झुक रहा है, तो ये एक गंभीर प्रश्न है। भगवान शिव का शीतकालीन गद्दीस्थल क्या वास्तव में बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है? गोपीनाथ मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है। इस धरोहर को बचाए रखने के लिए शासन-प्रशासन पुरातत्व विभाग को गंभीरता से सोच कर इस मंदिर के संरक्षण के लिए कार्य करना चाहिए, ताकि लोगों की धार्मिक भावनाएं और आस्था बनी रहे।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in चमोली

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page