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क्राइम

साइबर ठग बनाने के लिए चलती है क्लास,एक महीने के क्रैश कोर्स की फीस एक लाख तक

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जयपुर। जब कभी भी हम साइबर ठगी का नाम सुनते हैं तो हमेशा हमारे दिमाग में जामताड़ा का नाम गूंजने लगता है। हालांकि, अब जामताड़ा की तरह एक नई शाखा राजस्थान के अलवर-भरतपुर के क्षेत्र में भी खुल गई है। जहां बाकायदा क्रैश कोर्स के जरिये साइबर ठग बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। मेवात के इस सेंटर में यूनिफार्म के साथ ठगी का कोर्स कराया जाता है। इस सेंटर में 7 दिन से 1 महीने के क्रैश कोर्स की फीस 50 हजार से 1 लाख है।
अलवर-भरतपुर के मेवात में साइबर ठगी के क्रैश कोर्स में हिस्सा ले रहे प्रशिक्षु ठगों को जामताड़ा के नामी साइबर ठग ऑनलाइन लेक्चर देते हैं। इस पूरे क्राइम सिंडिकेट का खुलासा अखबार दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने किया है। रिपोर्टर ने अपनी खबर में बताया कि वह पहले सिंडिकेट से जुड़े बदमाश से टेलीग्राम पर मिला, फिर उसके बाद ट्रेनिंग सेंटर में करीबन एक हफ्ते तक रहा और क्या-क्या सीखा।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ठगों ने रिपोर्टर को पहले दिल्ली में मिलने बुलाया, फिर वहां से भिवाड़ी बुलाया। भिवाड़ी पहुंचने के बाद उसे भरतपुर से 60 किमी दूर सेंटर में लाया गया। ठगों के इस पूरे ट्रेनिंग में एडमिशन लेने के लिए बाकायदा एक यूनिफार्म है। इस सेंटर में कोई एडमिशन लिया आदमी तभी घुस सकता है, जब उसने बिना बाजू-जेब की शर्ट और बिना जेब वाली हाफ पैंट पहन रखी हो।
भरतपुर के एक गांव में बने ठगी के ट्रेनिंग सेंटर में सुबह सात बजे तंबू के बीच जालसाज ने आधे घंटे इंटरव्यू लिया। सवालों में पूछा गया कि क्या किया है..यही काम क्यों करना है..जब कई सवालों के जवाब से वह संतुष्ट हो गए तो उन्हें एडमिशन दे दिया गया। साथ ही एडमिशन के लिए किसी भी व्यक्ति के पास फर्जी कॉल सेंटर में 6-7 महीने का अनुभव, फर्जी दस्तावेज और खुद का लैपटॉप होना जरूरी है।
ठगी के इस सेंटर में ठगी के मास्टर हैं और जामताड़ा के कुछ गेस्ट टीचर भी हैं जो ऑनलाइन क्लास लेते हैं। ठगी का एक सिलेबस है, जिसमें किसी व्यक्ति को कैसे अपनी कम्युनिकेशन स्किल से फंसाना है। किसी को भी ठगी का शिकार बनाते समय या बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करते समय कैसी सावधानियां बरतनी है, ये सब सिखाया और बताया जाता है। इसके अलावा डेटा कहां से और कैसे खरीदना है, यह भी ठगी के सिलेबस में शामिल है।
सेंटर में ट्रेनिंग लेने वालों को एक हिदायत दी गई। ठगों के मास्टर ने क्लास के दौरान कहा कि हमें शहरी लोगों को फंसाने पर ज्यादा ध्यान देना है। ध्यान रखें कि जिसे भी कॉल करो उसका सारा डेटा तुम्हारे पास मौजूद हो, क्योंकि हर 5 शहरी में 3 फंसते हैं और वह ज्यादा सवाल नहीं पूछते। जबकि गांव का आदमी ढेरों सवाल करता है, बमुश्किल 10 में से एक फंसता है और इससे टाइम भी खराब होता है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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