उत्तराखण्ड
धरती के पास आकर आगे बढ़ गया धरती से दस गुना बड़ा धूमकेतु K2
नैनीताल: Comet K2: धूमकेतु सी/2017 के 2 (पान स्टार्स) धरती के पास आकर अपनी मोहिनी सूरत दिखाकर अपने पथ पर आगे बढ़ गया है। यह धूमकेतु लंबाई में पूंछ समेत पृथ्वी से दस गुना बड़ा हो सकता है। धरती की दूरबीनों से 19 दिसबर तक इस पर नजर रखी जाएगी।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान नैनीताल Aryabhatta Research Institute of Observational Sciences (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पाण्डेय ने बताया कि पिछले दो दिन यह धरती के करीब रहा। खोज नासा की अंतरिक्ष दूरबीन हव्वल ने इसे 2017 में खोजा था।
खास बात यह है कि यह बेहद सक्रिय धूमकेतु था और इसका नाभिक यानी केंद्र विशाल आकार का होने के कारण विज्ञानी इसके प्रति बेहद आकर्षित हो चले थे। जिस कारण कनाडा, फ्रांस व हवाई की तीन दूरबीनों से इस पर नजर रखी जा रही थी।
इसका नाभिक 30 से 160 किमी चौड़ा हो सकता है। इतने विशाल आकार को लेकर माना जा रहा है कि यह सबसे बड़े धूमकेतुओं में से एक है। साथ ही सार्वाधिक दूर का भी। खोज के समय यह 2.4 बिलियन किमी दूर था। तब वह शनि व यूरेनस के बीच में था और सौर मंडल के भीतर बड़े जा रहा था। जिस कारण इसके धरती के नजदीक पहुंचने का बेसब्री से इंतजार था और वह समय 13 व 14 जुलाई को आया।
13 को पूर्णिमा को चांदनी रात में देख पाना आसान नहीं था। अलबत्ता 14 की रात चंद्रमा से कुछ दूर जाने पर इसे बायनाक्यूलर की मदद से बेहतर ढंग से देखा जा सका। इसके नजदीक आने का लंबे समय से इंतजार कर रहे ऐस्ट्रोफोटोग्राफर राजीव दुबे नैनीताल की ऊंची पहाड़ी हिमालय दर्शन पहुंच गए हैं।उन्होंने बताया कि चंद्रमा के नजदीक होने के कारण यह धूमकेतु आसानी से पकड़ में आ गया और उसे आसानी से कैमरे में भी कैद कर लिया।
अब विस्तार से जानकारी मिल पाएगी के 2 की
डा शशिभूषण पांडेय के अनुसार धूमकेतु के 2 का अब विस्तार व सटीक जानकारी मिल जाएगी। पृथ्वी के नजदीक आने पर इसकी तस्वीरें साफ व स्पष्ट होंगी। जिससे इसके आकार, बनावट व अन्य जानकारी हासिल हो जाएगी।
अगले सात साल बाद फिर लगाएगा सूर्य का चक्कर
धूमकेतु के 2 धरती से 27 करोड़ किमी की दूरी से गुजरा। खोज के समय इसके धरती से टकराने की आशंका भी जताई जा रही थी। मगर बाद की गणना से स्पष्ट हुआ कि वह धरती से बहुत दूर होकर गुजरने वाला है।
यह धूमकेतु अब अगले सात साल बाद फिर सूर्य का चक्कर लगाएगा। बहरहाल अपने पथ में आगे बड़ रहे इस धूमकेतु पर सूर्य के पीछे छिपने तक नजर रखी जाएगी।