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उत्तराखंड का एक बड़ा हिस्सा भूकंप के जोन 5 में आता है। भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है।

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उत्तराखंड में जमीन के अंदर मच रही है बड़ी हलचल, कभी भी आ सकता है तुर्की जैसा बड़ा भूकंप

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देहरादून: पूरा उत्तराखंड भूकंप के जोन चार और जोन पांच में आता है। पिछले कुछ वक्त से यहां लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। अप्रैल में उत्तरकाशी जिले में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। वैज्ञानिक पहले ही कह चुके हैं कि उत्तराखंड क्षेत्र में तुर्की-सीरिया से बड़ा भूकंप आने की आशंका है।

उनका कहना है कि उत्तराखंड में जमीन के अंदर ज्यादा स्ट्रेस बन रहा है और इस तनाव को खत्म करने के लिए एक बड़ा भूकंप आ सकता है। वॉर्निंग दे दी गई है, हालांकि भूकंप के समय के बारे में वैज्ञानिक ठीक से जानकारी नहीं दे पाए हैं। इतना जरूर है कि विनाशकारी भूकंप कभी भी आ सकता है। उत्तराखंड में कम तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं। प्रदेश के चमोली में 1999 में 6.5 व उत्तरकाशी में 1991 में 6.4 तीव्रता के भूकंप भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं।

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उत्तराखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। कभी बागेश्वर तो कभी उत्तरकाशी में धरती डोल रही है। इस बार चमोली और रुद्रप्रयाग में भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुरुवार को सुबह दस बजे जब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में जुटे थे, तभी धरती अचानक कांपने लगी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए।

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चमोली में सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए। जबकि रुद्रप्रयाग में सुबह 9.54 बजे भूकंप आया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि हल्का झटका होने के कारण अधिकांश लोगों को इसका पता नहीं चल पाया। फिलहाल जिले में स्थित सामान्य है। भूकंप से किसी तरह का नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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