Connect with us
Uttarakhand Char Dham Yatra चारधाम यात्रा से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार तो मिला है, लेकिन अनियंत्रित तरीके से हो रहे निर्माण कार्य हिमालयी क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं।

उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में अनियंत्रित यात्रा को लेकर विशेषज्ञों की चेतावनी, मंडरा रहा है बहुत बड़ा खतरा

खबर शेयर करें -

देहरादून: उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील प्रदेश है। बीते सालों में हमने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के गंभीर नतीजे भुगते हैं। जोशीमठ शहर धंस रहा है तो वहीं जगह-जगह से भूस्खलन-हिमस्खलन की खबरें आ रही हैं।

इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है। इससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार तो मिला है, लेकिन बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण हिमालयी क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। सड़क विस्तार परियोजनाएं भी क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड जलवायु-संचालित आपदाओं के लिए अत्यधिक संवेदनशील है।

उस पर चारधाम यात्रा के दौरान हर दिन हजारों यात्री पर्वतीय इलाकों में पहुंच रहे हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता अतुल सती कहते हैं कि चारधाम क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ही वाहनों की संख्या बढ़ी है। यहां आस-पास के क्षेत्रों में लापरवाही से हो रहे निर्माण जैव विविधता के लिए भी खतरा बन गए हैं। जगह-जगह पहाड़ टूट रहे हैं, जमीन धंस रही है।

चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या सीमित करने पर विचार किया जाना चाहिए। अनुभवी पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने चारधाम परियोजना के लिए पहले सड़क की चौड़ाई 5.5 मीटर तक सीमित करने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सड़क की चौड़ाई 10 मीटर करने की अनुमति दे दी।

भूवैज्ञानिक सीपी राजेंद्रन ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ से ग्लेशियरों के पिघलने की घटनाएं हो रही हैं, जैव विविधता पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में भूविज्ञान और भूभौतिकी के प्रोफेसर अभिजीत मुखर्जी कहते हैं कि उत्तराखंड में बन रही जलविद्युत परियोजनाएं, बांध या बैराज के अपने खतरे हैं।

इससे नदियों के ढलान के साथ प्राकृतिक हाइड्रोलॉजिकल संतुलन को नुकसान पहुंचता है। पर्यावरण शोधकर्ता अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण की वजह से पर्वतीय क्षेत्र अस्थिर हो रहे हैं। हम खतरे के मुहाने पर खड़े हैं।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

More in उत्तराखण्ड

Recent Posts

Facebook

Advertisement

Trending Posts

You cannot copy content of this page