उत्तराखण्ड
कांग्रेस ने सर्वदलीय समिति बनाकर भाजपा के विरुद्ध खोला मोर्चा, कहा- सांप्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध होगी सामूहिक लड़ाई
देहरादून : कांग्रेस (Congress) ने अब प्रदेश में दो-तिहाई बहुमत से सत्ता में बैठी भाजपा सरकार को कड़ी चुनौती देने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का साथ लेने का निर्णय लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Karan Mahra) को समिति का अध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को समन्वयक नियुक्त किया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध सामूहिक लड़ाई लड़ी जाएगी। समिति शीघ्र ही राज्यपाल से मुलाकात कर प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग करेगी।
भविष्य के एजेंडे एवं रणनीति पर विचार विमर्श होगा
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में करन माहरा (Karan Mahra) की अध्यक्षता में सर्वदलीय समिति की बैठक में प्रदेश के महत्वपूर्ण और जन सरोकारों से जुड़े विषयों पर गहन मंथन किया गया। निर्णय लिया गया कि प्रदेश में सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ समान विचारधारा वाले दल संयुक्त संघर्ष छेड़ेंगे। हर महीने समिति की बैठक होगी। इसमें भविष्य के एजेंडे एवं रणनीति पर विचार विमर्श होगा। आगामी बैठकों में हर दल से अधिक व्यक्तियों को समिति में प्रतिनिधत्व दिया जाएगा। इस अवसर पर सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हुआ की धार्मिक सद्भाव के प्रति समिति दृढ़ संकल्पित रहेगी।
छीना जा रहा विपक्षी दलों से संघर्ष का अधिकार
वक्ताओं ने प्रदेश के बिगड़ते वातावरण और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को लेकर चिंता व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि देश की नींव धर्मनिरपेक्षता पर टिकी है। इससे कतई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम जन का एजेंडा ही समिति का एजेंडा होगा। समय की मांग यही है कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर जनता की पीड़ा को लेकर एक मंच पर आएं। सीपीआइ के समर भंडारी, सीपीएम के राजेंद्र सिंह नेगी, लेखराज और समाजवादी पार्टी के डा एसएन सचान ने कहा कि विपक्षी दलों से संघर्ष का अधिकार छीना जा रहा है। इसे सहन नहीं किया जाएगा।
न्यू कैंट रोड पर प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने का विरोध
समिति में कांग्रेस के अतिरिक्त सीपीआइ, सीपीएम और समाजवादी पार्टी शामिल हुई हैं। समिति के समन्वयक सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि समिति में बसपा को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में बसपा नेताओं से वार्ता की जाएगी। समिति ने तय किया है कि मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की लड़ाई सामूहिक रूप से लड़ी जाएगी। महंगाई, अग्निपथ योजना का विरोध किया जाएगा। बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री आवास और राजभवन जाने वाले न्यू कैंट मार्ग पर विपक्षी दलों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिला प्रशासन ने धारा-144 लगाई है। इसका विरोध किया जाएगा। बैठक में सीपीएम से शंकर गोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, अमरजीत सिंह उपस्थित रहे।