Connect with us

उत्तराखण्ड

महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर लगी रोक, ये है पूरा मामला

खबर शेयर करें -

नैनीताल :  हाई कोर्ट ने राज्य में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आरक्षण की इस व्यवस्था को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि जन्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। यह संविधान के अनुच्छेद 16ए और 16बी का उल्लंघन है। साथ ही आरक्षण तय करने का अधिकार संसद को है।

यह राज्य की शक्ति नहीं है। हाई कोर्ट ने यह निर्णय उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सम्मलित राज्य सिविल-प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में दूसरे राज्यों की महिला अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका के बाद दिया गया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।

इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आयोग की मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति देने को कहा है। कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार इस रोक को हटाने के लिए कानूनी रास्ते तलाशने को मंथन में जुट गई है।

याचिकर्ताओं के अनुसार उच्च विभिन्न विभागों के दो सौ से अधिक पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा का 26 मई 2022 को परिणाम आया। परीक्षा में अनारक्षित श्रेणी की दो कट आफ लिस्ट निकाली गई। उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों की कट आफ 79 थी, जबकि याचिकाकर्ता महिलाओं का कहना था कि उनके अंक 79 से अधिक थे, मगर उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

More in उत्तराखण्ड

Recent Posts

Facebook

Advertisement

Trending Posts

You cannot copy content of this page