उत्तराखण्ड
जमरानी विस्थापिताेें का दोबारा सर्वे कराकर और परिवारों को जोड़ कर पुनर्वास की मांग
हल्द्वानी : जमरानी बांध (Jamrani Dam) के डूब क्षेत्र में आने वाले परिवारों के विस्थापन (rehabilitation) को लेकर पुनर्वास कैलेंडर जारी हो चुका है। अफसर इसके मुताबिक ही भूमि अधिग्रहण से जुड़ी प्रक्रियाओं को तय समय में पूरा करेंगे। पूर्व में हुए सर्वे में बांध की जद में आने वाले गांवों में 226 खाताधारक चिन्हित हुए थे। मगर अब ग्रामीणों का कहना है कि इनकी संख्या में 35-40 का इजाफा हुआ है। संयुक्त परिवारों में संपत्ति बंटवारा व पिता की मृत्यु के बाद बेटों में बंटवारा भी इसकी वजह है। ऐसे में इन नए खाताधारकों को भी मुआवजा प्रस्ताव में शामिल करना चाहिए।
जमरानी बांध का निर्माण 400 हेक्टेयर में होना है। 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी जमीन इसकी जद में आ रहा है। ग्रामीण जमीन देने के लिए तैयार है। इसके ऐवज में सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व के पुराने रिकार्ड व सर्वे के दौरान छह गांवों में पस्तोला, मुरकुडिय़ा, पनियामेहता, उडूवा, तिलवाड़ी और गंडाड़ 226 खाताधारक पूर्व में चिन्हित किए गए थे। लेकिन अब ग्रामीणों का कहना है कि खाताधारकों की संख्या बढ़ चुकी है। धारा 11 लागू होने यानी इस क्षेत्र को फ्रीज करने से पहले यह सभी रजिस्ट्री हुई है। उनके पास प्रमाण भी है। जल्द मामले को लेकर एसडीएम से मुलाकात की जाएगी।
खाताधारक बनने को जमीन का दस्तावेज जरूरी
जमरानी परियोजना के जीएम प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि पूर्व में कमिश्नर के समक्ष भी ग्रामीणों ने इस मुद्दे को उठाया था। राजस्व विभाग खाताधारकों को चिन्हित करता है। खाताधारक बनने के लिए जमीन संबंधी सभी दस्तावेज होने जरूरी है। अगर ग्रामीणों के पास सभी प्रमाण होंगे तो दिक्कत नहीं आएगी।
एक एकड़ जमीन व 200 वर्ग मीटर का प्लाट
हल्द्वानी: जमरानी बांध के लिए जमीन अधिग्रहण करने से पहले सरकार को स्थानीय लोगों को एक्ट के तहत मुआवजा देना होगा। इसके लिए मास्टर प्लान बन रहा है। एक परिवार को एक एकड़ खेती जमीन और मकान के लिए 200 वर्ग मीटर का प्लाट भी मिलेगा। किच्छा के प्राम फार्म को बस कैबिनेट मुहर का इंतजार है। ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए करीब 320 एकड़ जमीन चाहिए। नई जगह पर सड़क, बिजली, पानी, सीवर, स्कूल, पार्क आदि सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष और सदस्य
जमरानी पुनर्वास संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवीन पलडिय़ा ने कहा कि डूब क्षेत्र के गांवों में परिवारों की संख्या बढ़ी है। इन नए खाताधारकों को जोड़ा जाना चाहिए। ग्रामीण सभी दस्तावेज दिखाने को तैयार है।समिति सदस्य हरेंद्र सिंह सम्मल ने बताया कि बांध से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने के साथ विस्थापन के मामले को भी निपटाया जाएं। छह गांवों में 35-40 खाताधारक बढ़े हैं।
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