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उत्तराखण्ड

राजकीय चिकित्सालय से निकाले गए ठेका कर्मियों ने किया प्रदर्शन, दोबारा सेवा में लिए जाने की उठाई मांग

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ऋषिकेश: एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में सफाई, भोजन और आउटसोर्स एजेंसी के करीब 50 कर्मचारियों का चिकित्सालय प्रशासन की ओर से वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर अनुबंध समाप्त कर दिया गया। इन कार्यों के लिए नए सिरे से टेंडर मांगे गए हैं। सेवा समाप्ति से गुस्साए इन ठेका कर्मियों ने चिकित्सालय मुख्य भवन के समक्ष फिर से सेवा में लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था, सफाई का कार्य ठेके पर किया जाता है। इसके सिवाय सुरक्षा गार्ड के लिए भी अलग से एजेंसी से काम लिया जा रहा था। चिकित्सालय के भीतर डाटा आपरेटिंग व अन्य कार्यों के लिए हरिद्वार की एक एजेंसी से काम लिया जा रहा था। एजेंसी के जरिए करीब 30 कर्मचारी अलग से यहां काम कर रहे थे। बीते वर्ष जून माह में इस एजेंसी को बिना टेंडर आमंत्रित किए सीधे काम दे दिया गया था। इस एजेंसी का भी अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। शुक्रवार से एजेंसी कर्मियों की सेवाएं समाप्त होने के कारण सामान्य प्रशासन से संबंधित कार्य प्रभावित रहा। सुबह करीब डेढ़ घंटा ओपीडी में रजिस्ट्रेशन का कार्य भी बाधित रहा। बाद में चिकित्सालय प्रशासन की ओर से नियमित कर्मचारियों की ड्यूटी लगा कर काम चलाया गया।

बाहर निकाए गए कर्मचारियों ने चिकित्सालय के मुख्य द्वार के समक्ष फिर से सेवा में लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सीएमएस डा. आरएस राणा ने बताया कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत चिकित्सालय प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। चिकित्सालय का कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। नियमित कर्मचारियों से अगली व्यवस्था बनने तक काम लिया जा रहा है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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