उत्तराखण्ड
चिटहेरा जमीन फर्जीवाड़ा में उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिजनों के नाम, सीएम तक पहुंचा मामला
देहरादून: Chithera Land Forgery : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में जमीन के फर्जीवाड़े में उत्तराखंड के नौकरशाहों के स्वजन के नाम जुडऩे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। मामला प्रदेश से जुड़ा पाया गया तो उचित कार्यवाही की जाएगी।
चिटहेरा प्रकरण में उत्तराखंड के नौकरशाहों के स्वजन के नाम
गौतम बुद्ध नगर जिले के चिटहेरा प्रकरण में उत्तराखंड के नौकरशाहों के स्वजन के नाम आने का मामला तूल पकड़ चुका है। इस प्रकरण में गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच के बाद जिन नौ व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें उत्तराखंड के दो आइएएस व एक आइपीएस अधिकारी के स्वजन शामिल हैं। ये तीनों अधिकारी अलग-अलग समय में हरिद्वार के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व उच्च प्रशासनिक पद पर तैनात रहे हैं।
यशपाल तोमर का उत्तराखंड से कनेक्शन
इस प्रकरण का मुख्य आरोपित यशपाल तोमर का उत्तराखंड कनेक्शन भी है। वह लंबे समय से हरिद्वार क्षेत्र में सक्रिय रहा। अब भी वह हरिद्वार जेल में बंद है। मामला सामने आने के बाद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया।
कानून के अनुसार ही काम होगा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सरकार का रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रदेश से बाहर का है। जिस भी कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ रही है, उसे अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश का कुछ मामला होगा तो फिर कानून के अनुसार ही काम होगा। साथ ही प्रदेश हित में उचित कार्यवाही की जाएगी।
भूमाफिया और नौकरशाही की हो उच्च स्तरीय जांच
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा प्रकरण को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण में भूमाफिया और नौकरशाही की मिलीभगत चिंताजनक है। इस मिलीभगत से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की जमीन हड़पने के आरोप गंभीर हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा कि हरिद्वार में तैनात रहे दो आइएएस और एक आइपीएस अधिकारी के स्वजन का नाम जमीन हड़पने के मामले में सामने आना गंभीर बात है। हरिद्वार में समय-समय पर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान के रूप में तैनात रहे अधिकारियों की भूमाफिया यशपाल तोमर के साथ मिलीभगत जांच का विषय है। तोमर के खिलाफ उत्तराखंड में भी जमीनों के जबरन खरीद और फर्जीवाड़े के कई मुकदमें दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों में एक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में तैनात हैं।
माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार में दबा-कुचला और कमजोर वर्ग पीडि़त और असहाय महसूस कर रहा है। इस मामले में सरकार को उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। जांच में जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि भूमि हड़पने के इस प्रकरण में एक पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र की कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। सरकार को इसकी भी जांच करनी चाहिए।