उत्तराखण्ड
लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस के लिए आसान नहीं चंपावत की चुनौती
देहरादून. यह बात अब करीब-करीब तय हो चुकी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे. मुख्यमंत्री की सीट का उपचुनाव कांग्रेस के लिए पहली बड़ी चुनौती होगी, जहां बीजेपी से पार पाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं दिख रहा.
चंपावत से उपचुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लड़ना है, लेकिन टेंशन कांग्रेस की बढ़ी हुई है. 2022 के विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस के लिए इस बार का चुनाव कतई भी आसान नहीं होने वाला. बीजेपी पहले ही प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में है और जिस तरह का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर दूसरी बार जताया है, ऐसे में कांग्रेस इस मुकाबले में पहले से ही कमज़ोर नज़र आ रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा का चंपावत चुनाव पर कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी ताक़त से चुनाव लड़ेंगे. करन महारा को भले ही संगठन और कार्यकर्ता पर भरोसा हो, लेकिन जिस कांग्रेस में बड़े नेता ही आपस में भिड़े पड़े हों, गुटबाज़ी ने जिस पार्टी को विधानसभा में विपक्ष में बिठा दिया हो, वहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उप चुनाव में कांग्रेस बड़ा कमाल करने की स्थिति में नहीं दिख रही.
वहीं नेता विपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि चुनाव में कांग्रेस अपनी हाज़िरी दर्ज कराएगी. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि उप चुनाव को गंभीरता से लें, कांग्रेस संगठन और वरिष्ठ नेता ईमानदारी से काम करें.
जो कांग्रेस अपनी गुटबाज़ी, आपसी खींचतान और मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे मुद्दे पर पूरा विधानसभा चुनाव हार गई हो, उसके लिए उपचुनाव जीतना नामुमकिन सा नज़र आता है. खास बात ये भी कि 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस कोई बड़ा चुनाव जीत ही नहीं पाई.