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उत्तराखण्ड

यादों में रह जाएगा सिर्फ ‘लोहारी’ गांव…खेतों तक पहुंचा व्यासी बांध की झील का पानी 

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व्यासी बांध की खूबसूरत दिख रही हरी झील भले ही लोगों को आकर्षित कर रही हो, लेकिन अपने खेत-खलिहानों को अपनी ही आंखों के सामने झील में डूबता देख लोहारी गांव के लोगों की आंखें छलक आ रही हैं।  अब उन्हें खेत-खलियानों के बाद अपने आशियानों के झील में समाने का डर सताने लगा है।

ग्रामीण एक दूसरे को दर्द बयां कर सांत्वना देकर अपना मन हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं। व्यासी बांध की झील में डूब रहे लोहारी गांव में इन दिनों ग्रामीणों के नाते रिश्तेदारों के आने का सिलसिला लगा हुआ है। लोग ग्रामीणों को सांत्वना देने के साथ ही गांव में बिताए गए समय की यादें साझा कर रहे हैं। 

सोमवार को पछुवादून विकास मंच संयोजक अतुल शर्मा ग्रामीणों से मुलाकात करने जूनियर हाईस्कूल लोहारी पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में बतौर शिक्षक उन्होंने चौदह साल अपनी सेवाएं दी हैं। शिक्षक को अपने बीच पाकर बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों की आंखें भर आईं। अतुल शर्मा ने बताया कि लोहारी गांव के अधिकांश भवन उनके सामने बने थे।

चौदह वर्षों की सेवा के दौरान उन्होंने गांव के बच्चों को पढ़ाया, जो अब सरकारी सेवा में हैं। उन्होंने कहा कि अपने खेत-खलिहानों को डूबने का दर्द ग्रामीणों की आंखों में दिखाई दे रहा है। उन्होंने सरकार से ग्रामीणों का उचित पुनर्वास करने की मांग की है। बता दें कि पिछले दिनों प्रशासन ने 48 घंटे में गांव खाली करने का नोटिस दिया था।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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