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उत्तराखण्ड

जानिए नियमावली: मदरसों में लागू होगी सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली हर धर्म के बच्चों का हो सकेगा प्रवेश

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उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले मदरसों में अगले शिक्षा सत्र से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि शुरुआत में सात मदरसों को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाया जाएगा। इन मदरसों में अन्य धर्मों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड के दायरे में आने वाले सभी 103 मदरसों में ड्रेस कोड और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने जा रहे हैं। इसमें पहले चरण में देहरादून, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार के दो-दो मदरसों एवं नैनीताल जिले के एक मदरसे को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाने के लिए चुना गया है। इसके बाद इस व्यवस्था को अन्य मदरसों पर भी लागू किया जाएगा। खास बात यह होगी कि इन मदरसों में सभी धर्मों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। मदरसों में सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक फजर की नमाज के बाद कुरान की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक मदरसे सामान्य स्कूल की तरह चलेंगे, जबकि दो बजे के बाद फिर मदरसे के रूप में चलने लगेंगे। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की तरह इन्हें चलाया जाएगा। मदरसों में स्मार्ट क्लास होगी ताकि इनसे पढ़कर निकलने वाले बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना जिसमें उन्होंने एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप देखा है उत्तराखंड से देखने को मिलेगा। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों को मदरसा बोर्ड नहीं बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पंजीकृत किया जाएगा। मदरसों को हिंदी में विद्यालय और अंग्रेजी में स्कूल कहा जाता है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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