उत्तराखण्ड
महंगाई की मार… उत्तराखंड में 17 दिन में पेट्रोल 10 रुपये महंगा, नींबू 300 रुपये किलो तो दवाएं बनीं सिरदर्द!
देहरादून. संसद (Parliament) से सड़क तक जारी महंगाई के मुद्दे का हाल अगर उत्तराखंड में देखा जाए तो पिछले 17 दिनों में पेट्रोल और डीज़ल के दाम (Petrol-Diesel Prices) करीब 10 रुपये तक बढ़ चुके हैं. रसोई गैस सिलेंडर सबके किचन का बजट बिगाड़ ही रहा है, तो इधर रसोई पकाना तक मुश्किल हो गया है क्योंकि सब्ज़ियों के दाम (Vegetables Prices) तापमान से भी तेज़ चढ़ रहे हैं. कुछ ही दिन पहले 100 रुपये किलो तक बिकने वाला नींबू 300 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है. इधर, दवा कारोबार में भी चिंता देखी जा रही है.
तेल के दामों में बढ़ोत्तरी का दौर बीते 22 मार्च से शुरू हुआ था. कल 6 अप्रैल तक इसकी कीमतें उछलती रहीं और 7 अप्रैल को कीमतें स्थिर दिखीं. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट की मानें तो आज गुरुवार को दिल्ली में जहां पेट्रोल 105.41 प्रति लीटर (Petrol Price in Delhi) रहा, तो डीज़ल 96.67 रुपये. इधर, देहरादून में पेट्रोल 103.87 रुपये (Petrol Price in Dehradun) और डीजल 97.38 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. 21 मार्च को देहरादून में पेट्रोल 94.15 तो डीजल 87.50 रुपये में मिल रहा था. साफ है कि तकरीबन 10 रुपये प्रति लीटर तक दाम बढ़ चुके हैं.
किचन का स्वाद छीन रहे दाम
बीते एक अप्रैल को 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 250 रुपये का इज़ाफ़ा किया ही जा चुका है. अब सब्ज़ियों और फलों की कीमतें ज़ायका फीका करने पर तुली हैं. नवरात्रि और रमज़ान के साथ ही गर्मी के दिनों में महंगाई से लोग त्रस्त दिख रहे हैं. नैनीताल के बाज़ार में कोई भी सब्जी 60 रुपये किलो से कम नहीं है. होटल रेस्टोरेंट संचालक भी महंगाई से दोहरे नुकसान की बात कर रहे हैं.
त्योहारी सीजन में पड़ी मार पर एक्सपर्ट बालम भण्डारी कहते हैं कि आने वाले दिनों में भी महंगाई बनी रहेगी. भंडारी मानते हैं कि पहाड़ी खेती से सप्लाई की कुछ उम्मीद है नहीं और पूरी तरह से निर्भरता तराई से है, तो रमज़ान के चलते व्यापारी पहाड़ों में पहुंच नहीं रहे. जितना माल मंडी में आ रहा है, उससे पूर्ति होना संभव नहीं है इसलिए दाम अभी बढ़ेंगे.
कांग्रेस का मेगा प्रदर्शन शुरू
बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेसियों ने 7 अप्रैल को प्रदेशव्यापी विरोध की रणनीति के तहत प्रदर्शन का सिलसिला शुरू किया. विकासनगर तहसील में धरना प्रदर्शन करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि ईंधन के दाम बढ़ने से अन्य सामान भी महंगा हो रहा है, जिससे लोग परेशान हैं.
आगे की संभावना देख रहे दवा कारोबारी
दवाओं की कीमतें बढ़ने से लोग और छोटे स्टोर संचालक परेशान हैं, तो उद्यमी रूस से दवाओं की सप्लाई और उत्पादन को लेकर चिंतित हैं. रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग बड़ा असर हरिद्वार में फार्मा इंडस्ट्री पर पड़ा है. उद्यमियों के संगठन SMAU के महासचिव राज अरोड़ा ने बताया कि 7 अप्रैल से 3 दिनों की फार्मा एंड लैब प्रदर्शनी उद्यमियों के साथ ही फार्मा के छात्र फार्मा इंडस्ट्री में आगे की संभावनाएं देखेंगे.