उत्तराखण्ड
जंगल की आग बेकाबू, उत्तराखंड में एक दिन में रिकॉर्ड जंगल जले, चमोली में स्कूल हो गया खाक
देहरादून. उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है. बुधवार को एक दिन में राज्य भर में जंगलों की आग की रिकॉर्ड 227 घटनाएं हुईं तो वहीं सेना को जंगल की आग बुझाने के काम में जुटना पड़ा. यही नहीं कई स्थानों पर फायर वॉचरों के झुलस जाने तक की खबरें आ रही हैं. इधर, ताज़ा अपडेट ये भी है कि चमोली में जंगल की आग एक स्कूल तक पहुंच गई, तो क्लासरूम खाक हो गए. गनीमत ये है कि स्कूल में बच्चे मौजूद नहीं थे इसलिए बड़ी दुर्घटना टल गई.
एक दिन में रिकॉर्ड जंगल जलने की घटनाओं के मद्देनज़र 27 अप्रैल को 561 हेक्टेयर जंगल को नुकसान की खबर है. अब तक उत्तराखंड में 2400 हेक्टेयर से ज़्यादा वन क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका है. समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि पौड़ी ज़िले के श्रीनगर गढ़वाल रेंज के जंगलों में आग लगी हुई है. जंगलों से जो धुआं उठ रहा है, उससे बस्तियां भी प्रभावित हो रही हैं और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है.
चमोली में स्कूल के 3 कमरे खाक
चमोली ज़िले के केदारुखल के जंगल में आग इस कदर भड़की कि गांव तक पहुंच गई. एएनआई के मुताबिक गांव में एक स्कूल भवन इस आग की चपेट में आ गया और देखते ही देखते तीन कमरे स्वाहा हो गए. केदारुखल के सरकारी इंटर कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल संजय शाह ने बताया कि आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने किसी तरह आग पर काबू पाया. इससे पहले चमोली में ही बुरांश के जंगल भी बुधवार को स्वाहा हो गए थे.
अब तक कितना जंगल हो चुका हवन?
उत्तराखंड में फायर सीज़न की शुरुआत 15 फरवरी से हुई और अब तक जंगल जलने की 1443 घटनाओं में 2433 हेक्टेयर जंगल को नुकसान हो चुका है. वन विभाग ने 27 अप्रैल को आंकड़े देते हुए बताया कि फायर सीज़न में अब तक गढ़वाल में 642, कुमाऊं में 724 और संरक्षित वन्य जीव क्षेत्र में वनों में आग की 77 घटनाएं हुईं. अब तक के आंकलन के हिसाब से 60 लाख से अधिक की वन संपदा खाक हो चुकी है. एक मौत और आधा दर्जन के घायल होने की खबरें भी आ चुकी हैं.