उत्तराखण्ड
मिसाल: अपना स्कूल बचाने एसडीएम कोर्ट में धरना-धमकी देने पहुंचे बच्चे, SDM ने दफ्तर में शुरू की क्लास
जोशीमठ: जिन बच्चों को क्लास रूम में अपनी पढ़ाई करनी चाहिए, वो सड़कों पर आंदोलन और दफ्तरों में प्रदर्शन कर रहे हैं. मामला जोशीमठ राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के छात्र छात्राओं के धरने का है. अपने स्कूल को बचाने की मांग लेकर बच्चे शनिवार 28 मई को एसडीएम कार्यालय में धरने पर बैठ गए. असल में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय का विलय सरकार करने जा रही है, जिसका बच्चे विरोध कर रहे हैं. यही नहीं ये स्टूडेंट्स ‘गलत कदम’ उठाने और स्कूल ही छोड़ देने की धमकी भी दे रहे हैं.
जोशीमठ राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के दो दर्जन से ज़्यादा स्टूडेंट्स शनिवार सुबह एसडीएम कार्यालय पहुंच गए और उन्होंने यहां अपनी क्लास लगाकर पढ़ाई करना शुरू कर दिया. स्टूडेंट्स की मासूमियत देखकर और मांग सुनकर जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने अपने कार्यालय के बाहर पढ़ाना शुरू भी कर दिया. हालांकि शुक्रवार को इन बच्चों ने जो ज्ञापन सौंपा, उसमें अपना दुख बयान करते हुए यह भी लिख दिया, ‘बच्चे अनुचित कदम उठाते हैं, तो ज़िम्मेदारी उत्तराखंड शासन की होगी.’ क्या है ये मामला?
2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उत्तराखंड में चार राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खोले गए थे, जिनमें दो कुमाऊं में और दो गढ़वाल में थे. अब लगभग 7 साल बाद स्कूलों को बंद किया जा रहा है और इनका विलय राजकीय इंटर कॉलेज में किया जा रहा है. जोशीमठ और आदर्श अटल में अपने स्कूल के विलय का विरोध स्थानीय छात्र कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि वो किसी हाल में नवोदय विद्यालय से इंटर कॉलेज या अन्य स्कूल में नहीं जाएंगे.
इन स्टूडेंट्स ने शासन प्रशासन को जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें लिखा है चूंकि ये सभी कक्षा 6 से अंग्रेज़ी माध्यम से पढ़ाई करते रहे हैं इसलिए अब हिंदी मीडियम में जाने से इनकी पढ़ाई और रिज़ल्ट प्रभावित होंगे. अपनी शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता न करने की ज़िद पर अड़े इन बच्चों ने स्कूल को बचाने के साथ ही अल्टीमेटम भी दे डाला है.
इन बच्चों ने लिखा कि सरकार ने बात नहीं मानी तो वो किसी भी स्कूल में नहीं रहेंगे. नवोदय विद्यालय पर ताला लगने का विरोध इन स्टूडेंट्स के अभिभावक भी कर रहे हैं. अभिभावकों सुशील कवाण, प्रेम सिंह चौहान, रोशन लाल का कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
इस पूर मामले में उप जिला अधिकारी कुमकुम जोशी का कहना है कि बच्चों ने उन्हें ज्ञापन दिया है, जो शासन स्तर पर भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब होने से प्रशासन भी चिंतित है.