उत्तराखण्ड
BJP के संपर्क में कांग्रेस विधायक! दिल्ली से दून तक मची खलबली
देहरादून. चंपावत उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में कांग्रेस को एक बड़ा झटका देने के मूड में दिख रही है. कांग्रेस के एक कद्दावर नेता समेत कुछ विधायक पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेताओं के संपर्क में बताए जा रहे हैं. पहले विधायक और मंत्री भी रह चुके इस दिग्गज नेता के बारे में सूत्र बता रहे हैं कि दिल्ली जाकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत की है. आज 23 अप्रैल को भाजपा के महामंत्री बीएल संतोष उत्तराखंड पहुंच रहे हैं तो कांग्रेस नेता से बातचीत आगे बढ़ सकती है.
चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी के इस्तीफे के बाद भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी इस सीट से उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं, तो इधर उपचुनाव से पहले कांग्रेस के भीतर तोड़फोड़ करने से भी भाजपा परहेज़ करती नहीं दिख रही. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के साथ कुछ विधायक अगर भाजपा में जाते हैं, तो यह 2016 के बाद से कांग्रेस पार्टी के भीतर बड़ी टूटफूट साबित हो सकती है. भले ही कांग्रेस एकजुट होने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
क्यों है कांग्रेस के भीतर असंतोष?
दरअसल कांग्रेस उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 19 सीटें ही जीत सकी. वजह भीतरी गुटबाज़ी को माना गया. हाईकमान ने कड़ा फैसला लेते हुए राज्य के दो बड़े नेताओं पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के गुटों को दरकिनार कर यशपाल आर्य को नेता विपक्ष और करन माहरा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया. तबसे ही कांग्रेस के भीतर असंतोष दिखा और कई विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी तक की.
यह भी ध्यान रखने की बात है कि पिछले दिनों माहरा और आर्य ने पदभार ग्रहण किया, तो बड़ी संख्या में नाराज़ विधायक उनके समारोह में शामिल नहीं हुए. इसी बीच, धामी के चंपावत से उपचुनाव लड़ने की खबर आ गई. ज़ाहिर है कांग्रेस की नयी टीम के लिए यह नाक का सवाल है, तो यशपाल आर्य कह रहे हैं कि पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़े तो जीतना तय है. इधर, उपचुनाव के लिए कांग्रेस एक खास रणनीति बना रही है.