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उत्तराखण्ड

मुफ्त इलाज से वंचित लोगों को राहत, आर्थिक सर्वे के आधार पर भी बनेंगे आयुष्मान गोल्डन कार्ड

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उत्तराखंड में राशन कार्ड नहीं होने की वजह से आयुष्मान योजना से वंचित राज्य के पांच लाख लोगों को बड़ी राहत मिल गई है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने ऐसे परिवारों के गोल्डन कार्ड 2011 के सामाजिक आर्थिक सर्वे के आधार पर बनाने का निर्णय लिया है।

दरअसल पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड अभी तक 2014-15 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के डेटा के आधार पर बनाए जा रहे थे। इसके अलावा इसी अवधि की वोटर लिस्ट भी इसका आधार बनाई गई थी। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जो उस अवधि में राज्य में नहीं थे और अब लौट आए। लेकिन राज्य में होने के बावजूद आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

इन लोगों को योजना का लाभ दिलाने के लिए अब आयुष्मान सोसायटी ने सामाजिक आर्थिक सर्वे 2011-12 के पूरे डेटा को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। अभी तक इस सर्वे से केवल बीपीएल परिवारों का ही डेटा लिया जा रहा था। ऐसे में अब उन लोगों के कार्ड बन जाएंगे जिनके पास 2014 से पहले के राशन कार्ड तो नहीं हैं लेकिन उनका नाम सर्वे में शामिल है। आयुष्मान योजना के अधिकारियों का कहना है कि इससे पांच लाख के करीब लोगों को लाभ मिलेगा।

बायोमेट्रिक जरूरी होने से हजारों मरीजों के फ्री इलाज पर संकट
आयुष्मान योजना में बायोमेट्रिक जरूरी होने के कारण उन मरीजों की फजीहत हो रही है, जिनके आयुष्मान कार्ड आधार के बिना बने हैं। जब वे इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं तो कार्ड नंबर डालने पर बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। 

वोटर कार्ड के लिए अभी इंतजार
राज्य स्वास्थ्य योजना के अधिकारियों का कहना है कि कई ऐसे लोग हैं जिनके नाम 2014-15 के एनएफएसए डेटा के साथ ही मतदाता सूची में भी नहीं है। संभव है कि ऐसे लोगों के नाम सामाजिक आर्थिक सर्वे में भी न हों। ऐसे लोगों के लिए राज्य के मौजूदा वोटर कार्ड के आधार पर गोल्डन कार्ड की सुविधा देने की भी योजना को कैबिनेट से मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि अभी इसका शासनादेश जारी नहीं हो पाया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, राज्य के हर नागरिक को आयुष्मान योजना से कवर कर निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जा रही है। सामाजिक आर्थिक सर्वे के डेटा के साथ ही वोटर कार्ड और परिवार रजिस्टर के आधार पर गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस संदर्भ में निर्णय हो चुका है। जल्द इसे लागू कराया जाएगा।’

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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