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Corbett Tiger Reserve में घडिय़ालों के बाद अब मगरमच्छ के 40 बच्चे अंडे से निकले

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रामनगर: कार्बेट टाइगर रिजर्व सीटीआर (Corbett Tiger Reserve) के सर्पदुली रेंज में मगरमच्छों की अच्छी संख्या बढऩे के संकेत मिले हैं। सर्पदुली में घडिय़ालों के बच्चे मिलने के बाद अब मगरमच्छ के 40 बच्चे देखे गए हैं। विभाग उनके संरक्षण की कार्रवाई में जुट गया है। इनकी संख्या बढऩे से विभाग भी उत्साहित है।

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कार्बेट टाइगर रिजर्व में वर्ष 2008 में मगरमच्छों की संख्या 70 थी। वर्ष 2020 में इनकी गणना कराई गई तो मगरमच्छों की संख्या बढ़कर 145 हो गई थी। इसके बाद वर्ष 2022 में की गई गणना में मगरमच्छों की संख्या 156 मिली थी।

अनुकूल वातावरण व संरक्षित जगह मिलने के बाद भी अपेक्षा के अनुरूप इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई। इसकी एक वजह यह भी है कि मगरमच्छ जमीन में मई जून में अंडे देते हैं। जंगल में बाढ़ आने पर बारिश में यह अंडे बह जाते हैं। जिससे इनकी संख्या नहीं बढ़ पाती है।

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सीटीआर के उपनिदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि सर्पदुली रेंज के ढिकाला ब्लाक रामगंगा नदी के समीप जमीन में मगरमच्छों ने अंडे दिए थे। इन अंडों से 40 मगरमच्छ निकले हैं। निरीक्षण के दौरान यह बच्चे देखे गए हैं। यह करीब 15 दिन के हैं। बाढ़ में भी यह सर्वाइव कर गए तो अच्छी संख्या मगरमच्छों की सीटीआर में होगी।

वहीं कार्बेट के वरिष्ठ वन्य जीव वैज्ञानिक डा. शाह बिलाल ने बताया कि इनकी संख्या बढऩा शुभ संकेत हैं। आगे इनकी संख्या अच्छी होने की उम्मीद है। बरसात बाद नवंबर में देखा जाएगा कि इन बच्चों में कितने मगरमच्छ सर्वाइव कर पाए हैं।

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जून में मिले थे घड़ियाल

कार्बेट टाइगर रिजर्व के सर्पदुली रेंज में घडिय़ालों के अंडों से 50 से अधिक बच्चे निकले थे। हालांकि बरसात के मौसम में सर्वाइव करना इन बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। यदि यह बाढ़ से बच जाएंगे तो कार्बेट में अच्छी खासी संख्या घडिय़ालों की हो जाएगी। कार्बेट में 2008 में 128 घडिय़ाल थे।

साल दर साल बढ़ती गई संख्या

वर्ष 2020 में इनकी संख्या बढऩे की जगह घटकर 96 ही रह गई थी। घटती संख्या से चिंतित विभाग ने फिर से वर्ष 2021 में कार्बेट की जीवनदायिनी रामगंगा नदी में नवंबर में जलीय जीवों की गणना कराई थी। 2022 में जारी की गई नई गणना में घडिय़ालों की संख्या 116 पहुंच गई थी।

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घडिय़ालों के लिए कार्बेट सुरक्षित

घडिय़ालों की बढ़ती संख्या विभाग के लिए सुखद है। क्योंकि कार्बेट घडिय़ालों के लिए सुरक्षित जगह मानी जाती है। घडिय़ाल क्रिटिकल एंडेंजर व शेडयूल वन की सरीसृप प्रजाति है। वहीं अब कार्बेट पार्क में सफारी के लिए आने वाले पर्यटक टाइगर के साथ घड़ियाल का भी दीदार कर सकेंगे।

बारिश में सर्वाइव करना चुनौतीपूर्ण

सीटीआर के उपनिदेशक नीरज शर्मा ने बताया कि मगरमच्छ व घडिय़ालों की संख्या कार्बेट में बढ़ रही है। इनके संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। रोजाना उनकी निगरानी के लिए टीम को कहा गया है। हालांकि के बच्चे अक्सर नदी की बाढ़ में बह जाते हैं। बाढ़ से बचना इनके लिए चुनौती है। यदि यह सब सर्वाइव कर गए तो कार्बेट में घडिय़ालों की संख्या पहले से काफी बढ़ जाएगी।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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