उत्तराखण्ड
पहला बैच होने से अल्मोड़ा मेडिकल कालेज रैगिंग से अछूता, तो फिर हल्द्वानी में एमबीबीएस छात्रों ने मुंडवाया सिर
अल्मोड़ा : सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा रैंगिंग के लिहाज से अछूता है। कालजे के अस्तित्व में आने के बाद पहला बैच ही यहां प्रवेश ले रहा है। एकमात्र बैच होने से छात्रों को किसी भी तरह की रैगिंग का दूर-दूर तक कोई भय नहीं है। छात्र उत्साह के साथ डाक्टरी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन फिर भी यहां से हल्द्वानी गए कुछ छात्रों के सिर मुड़वाए होना कालेज प्रशासन के भी समझ से परे है।
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में प्रवेश लेने के बाद कुछ छात्रों ने बीते दिनों कालेज छोड़ दिया। अपने घरों से नजदीकी कालेजों में प्रवेश मिलने के चलते यहां से कई छात्र हल्द्वानी, दून और श्रीनगर कालेज में प्रवेश के लिए चले गए। उधर हल्द्वानी मेडिकल कालेज में बीते दिनों कुछ छात्रों के सिर मुड़वाए हुए मिले थे। जिसके बाद मामले में रैगिंग से संबंधित जांच भी चली।
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के दो से तीन छात्र हल्द्वानी स्थानांतरित हो गए। ऐसे में वहां इन छात्रों के भी सिर मुड़े पाए गए। लेकिन इधर अल्मोड़ा मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि कालेज में पहला ही बैच है और यह बैच खुद में ही सीनियर और खुद में ही जूनियर है। एकमात्र बैच होने से यह रैगिंग से अछूता है। हालांकि यहां से हल्द्वानी गए छात्रों के सिर मुड़े होने की यहां से कोई पुष्टि नहीं है।
अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. सीपी भैसोड़ा ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में पहली बार कक्षाएं संचालित होने से यहां एकमात्र बैच की कक्षाएं संचालित हैं। ऐसे में कैंपस यह रैगिंग से पूरी तरह अछूता है। कुछ छात्रों ने यहां से हल्द्वानी और अन्य कालेजों में प्रवेश ले लिया है।

