उत्तराखण्ड
अपनी मेहनत से ये 18 शिक्षक बने राज्य पुरस्कार के हकदार
देहरादून (महानाद) : प्रारंभिक शिक्षा के 13, माध्यमिक के 4 तथा प्रशिक्षण संस्थान के एक शिक्षक सहित कुल 18 शिक्षकों को शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2021 के राज्य शैक्षिक शैलेश मटियानी पुरस्कार दिया जायेगा।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं। राज्य चयन समिति की बैठक में की गई सिफारिश तथा शिक्षा महानिदेशक की ओर से उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव के आधार पर शिक्षकों का चयन किया गया है। पुरस्कार के लिए उन शिक्षकों को चयनित किया गया है, जिन्होंने शिक्षा के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार के लिए उत्कृष्ट कार्य किये हैं।
प्रारंभिक शिक्षा में – ऊधमसिंह नगर से मोहन सिंह, नैनीताल से नंद लाल आर्य, अल्मोड़ा से मनोज कुमार पंत, उत्तरकाशी से सरिता, देहरादून से राजीव कुमार पांथरी, हरिद्वार से बीना कौशल, पौड़ी से गबर सिंह बिष्ट, चमोली से अंजना खत्री, टिहरी से हृदय राम अंथवाल, रुद्रप्रयाग से हेमंत कुमार चौकियाल, चंपावत से मंजू बाला, बागेश्वर से ललित मोहन जोशी, पिथौरागढ़ से हरीश चंद पांडेय का चयन किया गया है।
वहीं, माध्यमिक शिक्षा में हरिद्वार से पूनम राणा, उत्तरकाशी से दिवाकर प्रसाद पैन्यूली, पिथौरागढ़ से दीपा खाती और अल्मोड़ा से तनुजा जोशी को चुना गया है।
प्रशिक्षण संस्थान में चंपावत के डॉ. अविनाश कुमार शर्मा को पुरस्कार दिया जायेगा।
शैलेश मटियानी (14 अक्टूबर 1931 – 24 अप्रैल 2001)
शैलेश मटियानी आधुनिक हिन्दी साहित्य-जगत में नई कहानी आन्दोलन के दौर के कहानीकार एवं प्रसिद्ध गद्यकार थे। उन्होंने ‘बोरीवली से बोरीबन्दर’ तथा ‘मुठभेड़’, जैसे उपन्यास, चील, अर्धांगिनी जैसी कहानियों के साथ ही अनेक निबंध तथा प्रेरणादायक संस्मरण भी लिखे हैं। उनके हिन्दी साहित्य के प्रति प्रेरणादायक समर्पण व उत्कृष्ट रचनाओं के फलस्वरूप उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शिक्षकांे को पुरस्कार दिया

