उत्तराखण्ड
गजब: प्रस्तावक मिले नहीं तो खुद बनाए, उनसे पूछा नहीं, नाम डालकर हस्ताक्षर भी कर दिए, नामांकन निरस्त
चम्पावत : उपचुनाव के नामांकन पत्रों की जांच में अजब मामला सामने आया है। यहां एक निर्दलीय प्रत्याशी ने खुद ही एक परिवार के सदस्यों को अपना प्रस्तावक बनाकर उनके दस्तखत भी कर दिए। परिवार को अगले दिन समाचार पत्रों से इसकी जानकारी हुई तो वह हैरत में पड़ गए। शिकायत हुई तो एसडीएम वी आरओ ने रात में ही कोर्ट लगाई और शिकायत सही पाए जाने पर निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल का नामांकन निरस्त कर दिया।
उपचुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल ने नामांकन पत्र जमा किया। नामांकन पत्रों की जांच के दिन टनकपुर निवासी मनु गहतोड़ी पंत आरओ को पत्र लिखकर कहा कि निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल ने बगैर उनसे पूछे उनका व परिवारवालों का नाम नामांकन पत्र में प्रस्तावक के तौर पर डाल दिया। जिसकी जानकारी उन्हें समाचार पत्रों से मिली है।
दीपक ने प्रस्तावक के तौर पर उनके परिवार के महेश चंद्र, रविंद्र गहतोड़ी, निकिता गहतोड़ी और सुमन गहतोड़ी का नाम डाला है। जो गलत है। उनके परिवारवालों ने ऐसे किसी भी नामांकन पत्र में हस्ताक्षर नहीं किए थे। उन्होंने प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
आरओ हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल के नामांकन में अंकित प्रस्तावकों में से कुछ ने बगैर जानकारी के उनका नाम दर्ज करने संबंधी शिकायत की है। रात्रि में कोर्ट लगाकर मामले की सुनवाई की गई और नामांकन निरस्त किया गया। उपचुनाव में चार प्रत्याशी ही वैध है। 17 मई तक नाम वापसी की प्रक्रिया होगी।
कल मामले की शिकायत की गई थी इसपर आरओ हिमांशु कफल्टिया ने कहा था कि निर्दलीय प्रत्याशी दीपक बेलवाल के नामांकन में अंकित प्रस्तावकों में से कुछ ने बगैर जानकारी के उनका नाम दर्ज करने संबंधी शिकायत की है। शिकायकर्ता से शपथ पत्र देने को कहा है। जिस कारण दीपक के नामांकन पत्र की जांच को रोक दिया है। प्रत्याशी ने शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया।