अंतरराष्ट्रीय
पुतिन के मन में क्या चल रहा है? जंग के बीच समंदर में रूस की परमाणु पनडुब्बियों ने दिखाई ताकत
Ukraine Russia War: रूसी परमाणु पनडुब्बियों ने मंगलवार को बेरेंट सागर में उतरकर अभ्यास की शुरुआत की. इस अभ्यास के दौरान बर्फ से ढंके साइबेरियाई क्षेत्र में मोबाइल मिसाइल लॉन्चर की भी चहलकदमी दिखी. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों से तनाव बढ़ने को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने देश के परमाणु बलों को हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश देने के बाद ये अभ्यास किए जा रहे हैं.
रूस के उत्तरी बेड़े ने एक बयान में कहा कि उसकी कई परमाणु पनडुब्बियां अभ्यास में शामिल रहीं, जिसका मकसद इन्हें विपरीत परिस्थितियों में सैन्य साजोसामान को लाने-जाने के लिए प्रशिक्षित करना है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रणनीतिक मिसाइल बलों की इकाई ने पूर्वी साइबेरिया के इरकुत्स्क प्रांत के जंगलों में अंतरमहाद्वीपीय विध्वंसक मिसाइल लांचर तैनात किए हैं. हालांकि रूसी सेना की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई कि ये अभ्यास रविवार को पुतिन द्वारा यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने से संबंधित हैं या नहीं.
रूस कर रहा है कुख्यात कैलिबर क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल
बता दें कि रूस ने कल रात में कैलिबर क्रूज मिसाइल से कीव पर हमला किया था. ये रूस की कुख्यात कैलिबर क्रूज मिसाइल है, जिसे जल, थल, आकाश कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है. 1500 से 2500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल को अमेरिका की टॉम हॉक क्रूज मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है. वही टॉमहॉक क्रूज मिसाइल जिसने 1991 के खाड़ी युद्ध और अफगानिस्ता वॉर के दौरान जंग का रूख बदल दिया था.
कैलिबर को रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल
अब रूस भी इसी तरह की कैलिबर क्रूज मिसाइल से यूक्रेन पर हमले कर रहा है. कैलिबर क्रूज मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये लॉन्च होने के बाद सतह के बेहद करीब रहकर अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ता है. इस वजह से कैलिबर को रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल होता है. इस मिसाइल में ऐसी गाइडेंस सिस्टम लगी है जो इसे पिन प्वाइंट एक्यूरेसी के साथ लक्ष्य के भेजने की क्षमता देता है. courtsy new media

