महाराष्ट्र
क्या है महाराष्ट्र विधानसभा का गणित, किस ओर कितने विधायक, फिलहाल क्या है स्थिति
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को उद्धव ठाकरे सरकार के विश्वास मत को लेकर एक विशेष सत्र बुलाया है. जिसमें फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही भी होगी. फ्लोर टेस्ट का मतलब है कि ये देखा जाएगा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में मौजूदा मुख्यमंत्री को विश्वास मत हासिल है कि नहीं. करीब 10 दिनों से कहीं ज्यादा समय से महाराष्ट्र की राजनीति में उफान आया हुआ है. एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिव सेना के बागी विधायकों ने अलग गुट बना लिया है.
हालांकि इस फ्लोर टेस्ट के खिलाफ उद्धव ठाकरे सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है. शिंदे गुट फिलहाल गुवाहाटी के रेडिसन होटल में रुका हुआ था. अब वो गोवा होते हुए वापस मुंबई लौटने की योजना बना रहा है. शिंदे का दावा है कि उनके साथ 41 विधायक हैं, जिसमें 35 शिव सेना के हैं तो 07 निर्दलीय विधायक हैं. हालांकि उद्धव ठाकरे का कहना है कि शिंदे की ओर गए कुछ विधायक अब भी उनके साथ हैं.
आइए अब जानते हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा में दलीय स्थिति क्या है. फिलहाल कौन सरकार बना या गिरा सकता है. राज्य में दो सदन हैं विधानसभा और विधानपरिषद. विधानसभा को निम्न हाउस यानि लोअर हाउस के तौर पर जाना जाता है. मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर विधानसभा की शानदार बिल्डिंग है, जिसमें 30 जून सरकार बनने या बिगड़ने का खेल होगा.
ये महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा है. वर्ष 21 अक्टूबर 2019 में इसके चुनाव हुए थे. इसमें किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है. फिलहाल एक सीट खाली है, लिहाजा बहुमत का आंकड़ा 144 होगा.
2019 के विधानसभा चुनावों की स्थिति
वर्ष 2019 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना ने मिलकर लड़ा था. दोनों ने मिलकर 161 सीटें हासिल की थीं. इसमें बीजेपी ने 105 सीटें जीतीं थीं तो शिव सेना ने 56 सीटें. अब भी दोनों के पास इतनी ही सीटें हैं लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर विवाद के चलते शिव सेना ने इस गठबंधन को तोड़कर शरद पवार की राष्ट्रवादी क्रांति पार्टी और कांग्रेस के अलावा कुछ और दलों व निर्दलियों को लेकर सरकार बना ली.
क्या है फिलहाल विधानसभा में शिवसेना गठबंधन की स्थिति
अगर विधानसभा में शिवसेना के महा विकास अगाड़ी गठबंधन की स्थिति देखें तो उनके पास कुल मिलाकर 169 विधायक हैं लेकिन अगर शिंदे गुट के अलग हुए 35 शिव सैनिक और 07 निर्दलीय विधायकों को हटाएं तो इस गठबंधन के पास केवल 127 ही विधायक रह जाते हैं, लिहाजा इस स्थिति में ये गठबंधन बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगा और उद्धव ठाकरे सरकार गिर जाएगी.
वैसे आधिकारिक तौर पर फिलहाल महाराष्ट्र में महा विकास अगाड़ी के दलों और उनके विधायकों की संख्या इस तरह है
महा विकास अगाड़ी
शिव सेना 56 विधायक
रांकपा 53 विधायक
कांग्रेस 44 विधायक
बहुजन विकास अगाड़ी 03
समाजवादी पार्टी 02
प्रहर जनशक्ति पार्टी 02
पीडब्ल्यूपीआई 01
निर्दलीय 08
शिव सेना के बागी गुट का मसला
शिव सेना से 35 विधायकों ने अलग होकर गुट बनाने का फैसला जरूर किया है लेकिन अभी इसमें कानूनी दांवपेच हैं. महाराष्ट्र के स्पीकर ने 12 विधायकों को नोटिस दी हुई है तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस पर रोक भी लगा दी है.
क्या है उद्धव ठाकरे सरकार की स्थिति
इसके बाद भी उन्हें अलग गुट के तौर पर मान्यता देने का काम भी स्पीकर ही करेगा, जो इतना आसान नहीं लगता.लेकिन बागी गुट के नंबर्स को देखते हुए ये जाहिर है कि इस समय उद्धव ठाकरे सरकार संकट में है. उसके पास उतने नंबर नहीं हैं जितने कि बहुमत के लिए होने चाहिए. हालांकि ठाकरे और गठबंधन के नेता दावा कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत है.
बाकि दलों की क्या स्थिति है
नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट
मौजूदा विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. उसके पास 106 विधायक हैं.
बीजेपी 106
आरएसपी 01
जेएसएस 01
निर्दलीय 05
इसके अलावा अन्य दल
महाराष्ट्र में इसके अलावा कुछ और दल भी हैं, जिनके सदस्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. उनके विधायकों की कुल संख्या 05 है.
एआईएमआईएम 02
सीपीआई (एम) 01
एमएनएस 01
एसडब्ल्यूपी 01
ऐसे में कौन बना सकता है सरकार
– अगर उद्धव ठाकरे फ्लोर टेस्ट में पर्याप्त नंबर नहीं दिखा पाती तो ये गिर जाएगी. ऐसी स्थिति में एक ही पार्टी है, जो शिव सेना के बागी गुट के साथ मिलकर आराम से सरकार बना सकती है, वो है बीजेपी, जिसकी अगुवाई में एनडीए के महाराष्ट्र में कुल विधायकों की मौजूदगी 113 है. अगर शिव सेना के 35 बागी और 07 निर्दलीय विधायक उनकी ओर आए तो उनके पास कुल नंबर 155 होंगे. जो बहुमत से ज्यादा ही है.