उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: पिछड़े जिलों को सवारंगे सीएम धामी, उपचुनाव में सीट छोड़ने से गहतोड़ी का बढ़ा कद
देहरादून. चम्पावत विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपचुनाव की तारीख का ऐलान आने वाले वक्त में कभी भी हो सकता है, लेकिन अपनी विधानसभा की सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी का मुख्यमंत्री और राज्य की राजनीति के साथ क्षेत्र की जनता की नजर में कद बड़ा हो गया है. सीएम पुष्कर धामी के लिए कैलाश गहतोड़ी इस वक्त राज्य की राजनितिक का केंद्र बने हुए हैं. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि खुद सीएम धामी टनकपुर जनसभा में कह चुके हैं कि जब एक गांव प्रधान सीट छोड़ने में सोचता है तो ऐसे वक्त में गहतोड़ी ने विधानसभा से ही इस्तीफा दे दिया. ऐसे बेहद सहज तीहके से गहतोड़ी कहते हैं चम्पावत विधानसभा का मुख्यमंत्री होना उनके क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.
विकास के लिहाज से उत्तराखंड के टॉप थ्री पिछड़े जिलों में आने वाले चम्पावत जिले से विधायक गहतोड़ी का मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने के फैसले के बाद दो बार के विधायक गहतोड़ी के प्रति जनता का नजरिया और उनका कद ही बदल गया है. जनता उनके इस फैसले से खुश है. लोगों का कहना है कि इससे इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. सीएम के लिए विधायक ने सीट छोड़कर बड़ा काम किया है.
भाजपा संगठन ने गहतोड़ी को पहले उपचुनाव संयोजक और अब सीएम धामी ने उन्हें मुख्यमंत्री प्रतिनिधि बना कर जता दिया है कि चम्पावत की जनता अपने पूर्व विधायक से जो विकास की उम्मीदें रखती थी. उसे पूरी करने की जिम्मेदारी अब मुख्यमंत्री की होंगी. चंपावत पिछड़े जिलों में आता है और यहां सीएम के चुनाव लड़ने से इस क्षेत्र के विकास की संभावनाएं खुल गई हैं.

