उत्तराखण्ड
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय : नियम विरुद्ध नियुक्ति मामले कुलपति की होगी विजिलेंस जांच, अगले हफ्ते जारी होगा शासनादेश
देहरादून : उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति की नियम विरुद्ध नियुक्ति मामले की विजिलेंस जांच होगी। इस संबंध में आयुष शिक्षा विभाग की पत्रावली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वीकृति दे दी। उधर, विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी अमित जैन को शासन के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है। सात दिन में जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
नियुक्ति के लिए पात्रता पर सवाल खड़े कर चुका है शासन
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो सुनील कुमार जोशी की पद की नियुक्ति के लिए पात्रता पर शासन सवाल खड़े कर चुका है। विश्वविद्यालय में अनियमितता की जांच के आदेश सरकार पहले ही दे चुकी है। अब कुलपति के खिलाफ विजिलेंस जांच की पत्रावली को उच्चानुमोदन मिल गया। आयुष शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पत्रावली को कार्मिक और फिर मुख्यमंत्री को भेजा गया था। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार विजिलेंस जांच का शासनादेश अगले हफ्ते जारी होगा।
शासन ने कुलपति के खिलाफ जांच की अनुमति के लिए राजभवन को भी पत्रावली भेजी थी। राजभवन ने जांच को स्वीकृति दी है। हालांकि राजभवन ने यह भी पूछा है कि कुलपति की पात्रता में खामी की जांच को शासन के स्तर से क्या कदम उठाए गए। उधर, विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो सुनील जोशी, प्रभारी कुलसचिव डा राजेश कुमार के बाद अब वित्त अधिकारी अमित जैन शासन के निशाने पर हैं। वित्त अपर सचिव देवेंद्र पालीवाल ने अमित जैन को कारण बताओ नोटिस थमाया है।
अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी
नोटिस में कहा गया कि उन्होंने 31 मार्च, 2022 को महालेखाकार संबंधी महत्वपूर्ण लेखा परीक्षा रिपोर्ट की अनुपालन आख्या उपलब्ध नहीं कराई। शासन के चिकित्साधिकारी डा राजेश कुमार की विश्वविद्यालय से संबद्धता खत्म करने के बावजूद उनका वेतन आहरित करने पर आपत्ति जताई है। साथ में अदालत में चल रहे प्रकरण के संबंध में शासन स्तर पर बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेने के बारे में भी उनसे जवाब तलब किया गया है। शासन ने सात दिन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

