रामनगर
उत्तराखंड: उफनते नाले में पलटी 35 सवारियों से भरी बस, हलक में अटकी सभी की जान
रामनगर: उत्तराखंड में भारी बारिश हो रही है। जगह जगह कोहराम मचा हुआ है। नदियों और नालों पर उफ़ान आ रखा है। जगह-जगह पर आपदा जैसे हालत बन रहे हैं। ऐसे में पहाड़ों पर यात्रा करने वाली बसों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश सड़कें जलमग्न हो रखी हैं और उन पर छोटी-छोटी नदियां बन रखी हैं। ऐसे में पहाड़ों पर यात्रा करने वाले यात्रियों और बसों को रिस्क लेकर यात्रा करना पड़ रहा है। हाल ही में उत्तराखंड के रामनगर में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया और 35 यात्रियों की जान अटक गई। हाल ही में 35 सवारियों को लेकर जा रही एक बस उफनते हुए धनगढ़ी नाले में पलट गई जिसके बाद यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
पुलिस ने जेसीबी की मशीन से बस में सवार 35 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। वह तो अच्छा हुआ कि हादसे के वक्त वहां पर जेसीबी और अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे। सभी लोग सुरक्षित बस से निकाले गए जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। अगर जरा सा भी इधर उधर हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। दरअसल केएमयू की एक बस 5 बजे धनगढ़ी नाले पर पहुंची। बस में 35 यात्री सवार थे और सभी लोग भिकियासैंण से रामनगर की ओर आ रहे थे। शाम के 5 बजे यह बस धनगढ़ी नाला पार कर रही थी जिस पर पानी का बहाव तेज था।
अचानक तेज बहाव होने के कारण बस पलट गई और कुछ दूर तक बहने लगी। बस पलटने के बाद मौके पर हड़कंप मच गया और स्थानीय लोग एवं जेसीबी मशीन पर तैनात कर्मचारी तुरंत ही लोगों के रेस्क्यू के लिए भागे। बता दें कि स्थानीय लोगों ने पुलिस की पूरी पूरी मदद की और लोगों को बस से निकालने में अपना पूरा सहयोग दिया। दो जेसीबी मशीनों के सहारे लोगों को बस के अंदर से निकाला गया। बता दें कि बस में महिलाएं पुरुष एवं छोटे बच्चे भी शामिल थे जिनको सकुशल बाहर निकाल दिया गया है। स्थानीय लोगों ने पुलिस का पूर्ण सहयोग किया इसके बाद पुलिस ने उनकी सराहना की है।
हादसे के बाद दोनों और जाम लग गया था। इसके बाद बसों एवं वाहनों से उतरकर लोग बस में मौजूद यात्रियों की मदद करते हुए दिखाई दिए। पुलिस भी बस में फंसे लोगों को निकालने में लग गई पलटी गई। बस को हटाने के बाद यातायात वापस से चालू कर दिया है।
दो साल बाद भी धनगढ़ी पर नहीं बन सका पुल
मगर मुख्य सवाल यह है कि अब तक यहां पर पुल का निर्माण क्यों नहीं हो पाया है। बता दें कि यह नाला बरसात में कई लोगों की जान ले चुका है मगर आज भी यहां के जनप्रतिनिधि इसकी सुध नहीं ले रहे हैं। पुल निर्माण तो शुरू हो गया था मगर हाइट कम है जिस वजह से पूरा मामला फंसा हुआ है और इसका निर्माण कार्य अधर पर लटका हुआ है। नवंबर 2020 में पुल का काम शुरू हुआ था मगर ढाई वर्ष के बाद भी यह कोई अभी तक आकार नहीं ले पाया है जिसका पूरा जिम्मा सरकार और प्रशासन का है। बता दें कि यह धनगढ़ी नाला (Dhangarhi Nala Bus Accident) गढ़वाल और कुमाऊं के पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है। बरसात के दिनों में यह नाला विकराल रूप ले लेता है और इस पर पुल ना होने की वजह से प्रत्येक वर्ष अनेक लोगों के बहने और अन्य दुर्घटनाएं सामने आती हैं।।ऐसे में लंबे समय से पुल निर्माण की बात की जा रही है मगर कोई भी इसकी सुध नहीं ले रहा है इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
