अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी पादरी ने डॉनल्ड ट्रम्प को बताया मसीहा, कहा- वह धरती पर लाएंगे जीसस क्राइस्ट का राज
वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के समर्थक एक साल बाद भी उनकी हार पचा नहीं पा रहे हैं. अमेरिका के सैकड़ों कट्टरपंथी ईसाई पादरी डॉनल्ड ट्रम्प के समर्थन में आ गए हैं. इनमें से ज्यादातर ‘स्वेत लोगों के वर्चस्व’ (White People Supremacy) को बेहतर मानने वाले हैं. ये ईसाई पादरी डॉनल्ड ट्रम्प को मसीहा बता रहे है. उनके मुताबिक ट्रम्प धरती पर जीसस क्राइस्ट का शासन फिर से लेकर आएंगे. इनमें से ज्यादातर पादरी दक्षिण पंथी ईसाई मिशनरी हैं जिन्होंने पिछले राष्ट्रपति चुनाव के बाद ”Evangelicals for Trump Coelish’ शुरू किया था. यानी इवेंजेलिकल क्रिश्चियन ट्रम्प के साथ हैं.
अमेरिकी मीडिया के रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉनल्ड ट्रम्प समर्थक और टेनेसी के पादरी ग्रेग लोके ने दक्षिणपंथी ईसाईयत को व्हाइट नेशनलिज्म से जोड़ा है. दरअसल, ग्रेग लोके जिस राष्ट्रवाद का प्रसार कर रहे हैं उसमें प्रवासियों, अश्वेतों के लिए जगह नहीं है. इनको वह बाहरी कहते हैं. अमेरिका में दक्षिणपंथी ईसाइयत दशकों से रूढ़िवाद के साथ गुंथा है जो डॉनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चरम पर था. अमेरिका में श्वेत बनाम अश्वेत का मुद्दा भी तब खूब उठा था.
अमेरिकी राजनीति पर ईसाई संस्कृति का प्रभाव लंबे समय से रहा है, लेकिन प्रेयर चर्च तक सीमित था. अब बहुत से पादरी चर्च में प्रेयर के दौरान डॉनल्ड ट्रम्प के लिए समर्थन जुटा रहे हैं. मिशिगन में पिछले हफ्ते ट्रम्प की रैली में एक स्थानीय इवेंजेलिस्ट ने अपनी प्रार्थना में कहा, स्वर्ग में बैठे पिता परमेश्वर, हमारा दृढ़ विश्वास है कि डॉनल्ड ट्रम्प अमेरिका के मौजूदा और सच्चे राष्ट्रपति हैं. ग्रेग लोके ने प्रार्थना की कि रिपब्लिकन पार्टी के मिशिगन सम्मेलन में डेलीगेट ट्रम्प समर्थित उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. अटलांटा के डेस्टार चर्च के वरिष्ठ पादरी जॉनी एन्लो अपने धार्मिक उपदेशों में अमेरिका की सत्ता में डॉनल्ड ट्रम्प की वापसी की भविष्यवाणी करते हैं. वह कहते हैं कि उन्होंने डॉनल्ड ट्रम्प को सोने के सिंहासन पर सोने का ताज पहने देखा है.
अमेरिकी मीडिया के रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रेग लोके इन उम्मीदवारों का नाम भीड़ के सामने बताते हैं. ग्लोबल विजन बाइबिल चर्च के प्रमुख पादरी ग्रेग लोके के लाखों अनुयायी हैं. वह 2020 में कोरोना को फर्जी महामारी बताने के बाद चर्चा में आए थे. उन्होंने अपने चर्च में किसी प्रकार के लॉकडाउन का समर्थन नहीं किया था और न ही फेस मास्क के प्रोटोकॉल को माना था. ग्रेग लोके अपने उपदेशों में साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रम्प के खिलाफ जनादेश को झूठा बताते हैं. डॉनल्ड ट्रम्प की हार के बाद उनके समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल्स पर किए गए हमले से पहले ग्रेग लोके वहां भी मौजूद थे.