उत्तराखण्ड
ऊधमसिंह नगर में बिना नक्शा के ही बना दीं 109 बिल्डिंग, 25 दिन बाद होगा ध्वस्तीकरण
रुद्रपुर : इसे विकास प्राधिकरण की लापरवाही कहें या सेटिंग गेटिंग। जिले में 109 बिल्डिंग जिला विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा पास कराए ही बना दी गई है। मगर डीडीए अनजान बना हुआ है। यहां तक कि वन टाइम सेटलमेंट यानी एकल समाधान योजना लागू होने पर भी भवन स्वामी को बिल्डिंग गिरने का भय नहीं है। हालांकि प्राधिकरण ने भवन स्वामियों को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है। इसके बाद नियम के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में बिना नक्शा पास कराए ही अस्पताल, स्कूल, दुकान व मकान एक-एक कर बना दिया गया। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी डीडीए को नहीं थी। फिर भी किसी न किसी के दवाब में प्राधिकरण अनजान बना हुआ है। राज्य सरकार ने एकल समाधान योजना लागू की कि वर्ष, 2020 तक जिन लोगों ने बिना नक्शा पास कराए भवन खड़ा कर दिए हैं, वे लोग 31 मार्च,2022 तक नक्शा पास करा सकतेे हैं।
योजना में सिर्फ 15 लोगों ने नक्शा पास कराया है। जबकि 109 भवन बिना मानचित्र के खड़े हैं। इनमें कई छोटे स्कूल, अस्पताल व आवासीय मकान है। योजना में सर्किल रेट में 15 प्रतिशत की छूट है। इससे पहले जनवरी, 2019 व अक्टूबर, 2019 में समाधान योजना लागू थी, मगर मानकों को ताक पर रखकर भवन बनाने की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
शनिवार कुमाऊं आयुक्त ने डीडीए कार्यालय का निरीक्षण अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई थी। साथ ही मामले के निस्तारण करने की हिदायत दी थी। इस पर डीडीए सख्त हो गया है। डीडीए ने 109 भवनों को नाेटिस भेजकर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
डीडीए उपाध्यक्ष हरीश चंद्र कांडपाल ने बताया कि जिन लोगों ने बिना नक्शा पास कराए भवन बनाए हैं, उन्हें नोटिस भेजकर एक माह का समय दिया गया है। क्योंकि इस दौरान सुनवाई हाेगी। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी।

