उत्तराखण्ड
हल्द्वानी में रिटायर्ड दरोगा से 19 लाख ठगने वाले दो साइबर ठग गिरफ्तार
हल्द्वानी: रिटायर्ड दरोगा से 19 लाख की ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को पुलिस ने साउथ वेस्ट दिल्ली के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने विदेश से सोने के आभूषण व नकदी भेजने के नाम पर महिला के जरिए ठगी की थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
साइबर सीओ पूर्णिमा गर्ग ने बताया कि कुछ माह पहले मुखानी थाने में एक रिटायर्ड दरोगा ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले की विवेचना साइबर थाना रुद्रपुर को स्थानांतरित की गई थी। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने एक महिला के माध्यम से फेसबुक के जरिए रिटायर्ड दरोगा को निशाना बनाया। उससे दोस्ती गांठकर लालच दिया। इसके बाद विदेश से आभूषण व नकदी भेजनी की बात कही। ठग ने एयरपोर्ट पर पार्सल पकड़े जाने के बाद उसे छुड़ाने के नाम पर 19 लाख रुपये बैंक खाते में डलवा दिए।
सीओ गर्ग के अनुसार मोबाइल नंबर, फेसबुक आइडी व व्हाट्सएप की तस्दीक करने पर वह फर्जी निकले। ठगी की राशि जिस बैंक खातों में जमा कराई वह दिल्ली व दिल्ली एनसीआर के निकले। बैंक खातों में दर्ज मोबाइल नंबरों को आधार बनाकर पुलिस तप्तीश के लिए रवाना हो गई। बुधवार को फ्लैट नंबर 353 फस्ट फ्लोर सूर्या रेजिडेंसी मुनिरिका विलेज, थाना किशनगढ़, साउथ वेस्ट दिल्ली में दबिश देकर गुरुंग बस्ती नियर अरुण फोटो स्टूडियो, दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल निवासी विक्रम लिंबू पुत्र मोहन लिंबू व पंचवाड़ा रोड, पोस्टआफिस बदरताला, थाना मटियाब्रुज, 24 परगना पश्चिम बंगाल निवासी सूरज कुमार तमांग पुत्र चंद्रवीर तमांग बताया। पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर ले आई। टीम में कोतवाल ललित मोहन जोशी, दरोगा दिनेश पंत, एएसआई सत्येंद्र गंगोला, कांस्टेबल मो. उस्मान व संजय कुमार मौजूद रहे।
इस तरह से की गई ठगी
आरोपित सूरज कुमार तमांग ने बताया कि दिल्ली में उसकी मुलाकात एक नाइजीरियन के माध्यम से महिला नाइजीरियन से हुई। नाइजीरियन साइबर ठगों को बैंक खाते तथा एटीएम कार्ड कमीशन बेस पर अपने साथ विक्रम लिंबू के साथ मिलकर उपलब्ध कराने लगे। दोनों ने मिलकर काफी संख्या में बैंक खाते व एटीएम कार्ड नाइजीरियन को देकर आर्थिक लाभ अर्जित किया। साइबर पुलिस को पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं। जिसके आधार पर अन्य साइबर ठगों की गिरफ्तारी हो सकेगी।
अपराध करने का तरीका
आरोपित नाइजीरियन मूल के साइबर ठगों को बैंक खाते, एटीएम व चेकबुक कमीशन के आधार पर देते थे। इसके बाद विदेशी महिला के माध्यम से लोगों से फेसबुक व व्हाट्सएप के जरिए बात कर तस्वीर भेजी जाती थी। ताकि कोई संदेह न हो। महिला बात कर दोस्ती करती थी। इसके बाद पार्सल से सोने के आभूषण व नकदी भेजने को कहा जाता था। एयरपोर्ट पर पार्सल पकड़े जाने पर फिर रुपये मांगे जाते थे।
साढ़े तीन लाख रुपये मिले
साइबर ठगों के पास पुलिस को साढ़े तीन लाख रुपये नकद मिले। इसके अलावा चार मोबाइल, 25 डेबिट कार्ड व 114 चेकबुक व पासबुक बरामद हुई।