उत्तराखण्ड
हल्द्वानी में सखी बूथ पर प्रशिक्षण, जानिए क्या है सखी बूथ और उसका महत्व
हल्द्वानी : पिंक यानी सखी बूथ की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार 80 महिला कार्मिकों को निर्वाचन कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो सखी बूथ बनाए गए हैं। ऐसे बूथों पर मतदान कार्मिक से लेकर सुरक्षा कर्मी तक महिलाएं होंगी।
एमबीपीजी कालेज के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में कार्मिकों को चुनाव संबंधी सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। कोविड से बचाव का बूस्टर डोज नहीं लगी होने वाले कार्मिकों को टीका लगाने की सलाह दी। कार्मिकों को निर्वाचन संबंधी प्रपत्र भरने, ईवीएम आन-आफ व सील करने, वीवीपैट संयोजित करने आदि की जानकारी दी। मतदान बूथ पर मोबाइल फोन प्रतिबंधित रहेगा। यहां सीडीओ डा. संदीप तिवारी, नोडल प्रशिक्षण गोपाल गिरी आदि मौजूद रहे।
चुनाव कार्यालय पहुंचे डीएम ने जाना कार्मिकों का हाल
जिला निर्वाचन अधिकारी धीराज गब्र्याल ने शनिवार को एमबीपीजी कालेज स्थित स्टांग रूम, निर्वाचन कार्यालय, कंट्रोल रूम, एमसीएमसी व स्वीप कक्षों का निरीक्षण किया। कार्मिकों से उनके कामकाज व सेहत को लेकर जानकारी ली। सहायक निर्वाचन अधिकारी पीसी त्रिपाठी को समय रहते चुनाव की सभी तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण में सीडीओ डा. संदीप तिवारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक जोशी, आचार संहिता प्रभारी पंकज उपाध्याय आदि शामिल रहे।
क्या है सखी बूथ
2019 के चुनाव से आयोग ने प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में सखी बूथ बनाने का आदेश दिया है। इन बूथों पर मतदान कराने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होगी। महिलाएं ही बूथ पर अंगुली में स्याही का निशान, महिला पुलिसकर्मी मतदाता को लाइनों में खड़ा भी करेंगी। मतदान के दौरान यदि जरूरत पड़ी तो उपद्रवियों को भी संभालना होगा।
पीठासीन अधिकारी से लेकर सुरक्षा अधिकारी व अन्य समस्त स्टाफ महिलाओं का होगा। आयोग का उद्देश्य है कि इससे महिलाएं वोट के लिए अधिक आगे आएंगी। इससे वोट प्रतिशत बढ़ेगा। इसके आलावा बूथ पर हर काम महिला कर्मी के हाथ में होने से उनके अंदर भी आत्मविश्वास आएगा।