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उत्तराखण्ड

corbett tiger reserve में बाइक से जा रहे ठेकेदार को बाघ ने बनाया निवाला

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रामनगर : कार्बेट टाइगर रिजर्व में ठेकेदार के श्रमिक को बाघ ने हमला कर मार डाला। बाघ उसे सड़क से खींचकर करीब सौ कदम जंगल में घसीटकर ले गया। घटना की जानकारी होने पर कार्बेट प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा की कार्रवाई के बाद शव को मोर्चरी में रखवाया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व के सर्पदुली रेंज में पुलिया निर्माण, कच्ची सड़क का चौड़ीकरण आदि का काम विभाग ठेकेदार से कराता है। ठेकेदार के साथ उप्र. मानपुर ठाकुरद्वारा मुरादाबाद निवासी खलील 26 पुत्र बांके भी काम करता है। बुधवार की दोपहर में वह धनगढ़ी गेट से सर्पदुली को अपनी बाइक से जा रहा था।

अधिकारियों का मानना है कि धनगढ़ी से डेढ़ किलोमीटर दूर कक्ष नंबर चार धनगढ़ी बीट में उसका सामना बाघ से हो गया। अचानक सड़क पर आए बाघ को देखकर बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई होगी। जिसके बाद बाघ ने उस पर हमला कर दिया। हमले के बाद बाघ उसे घसीटकर सड़क से जंगल में ले गया।

इस बीच उधर से आ रहे वन कर्मियों ने सड़क पर बाइक गिरी देखी तो अनहोनी की आशंका हुई। वन कर्मियों ने आसपास जंगल में छानबीन की तो एक युवक का खून से लथपथ शव मिल गया। जेब में मिले आधार कार्ड के आधार पर उसकी शिनाख्त हुई।

बाघ ने उसके शव को खाया नहीं था। सूचना पर सीटीआर निदेशक नरेश कुमार, रेंजर जयपाल रावत के बाद कोतवाल अरुण सैनी भी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मृतक के स्वजनों को घटना की जानकारी दे दी। शव को रामनगर मोर्चरी में रखा गया है। रेंजर ने बताया कि मृतक के स्वजनों को मुआवजा दिया जाएगा।

पूर्व में हाथी ने मारे थे बाइक सवार दो वनकर्मी

कार्बेट में बाघ अब तक कई वन कर्मियों को निवाला बना चुका है। पांच साल पूर्व भी ड्यूटी पर जा रहे दो बाइक सवार वन कर्मियों को हाथी ने मार डाला था। वर्ष 2019 में भी ठेकेदार के एक श्रमिक को ढिकाला में बाघ ने मार डाला था। इससे पूर्व ढिकाला में ही आग बुझाने गए दैनिक श्रमिक को भी बाघ ने मार डाला था। बाघ बीते दस सालों में करीब आठ से अधिक लोगों को मार चुका है।

सीटीआर में अब तक बाघ से मारे गए लोग

चार फरवरी 2009 भगवती देवी

छह फरवरी 2010 कांति देवी

12 नवंबर 2010 नंदी देवी

18 नवंबर 2010 कल्पना महरा

29 नवंबर 2010 रेवती देवी

11 जनवरी 2011 शांति देवी

27 जनवरी 2011 पूरन चंद्र

20 जनवरी 2013 राकेश कुमार

14 जनवरी 2014 हरनंदी

नौ फरवरी 2014 रामचरण सिंह

25 मार्च 2014 कृपाल

28 फरवरी 2016 ममता

छह सितंबर 2016 गोविंदी देवी

17 सितंबर 2016 परमजीत

22 मार्च 2016 कृष्णपाल सिंह

08 अपै्रल 2016 हरी राम

03 नवंबर 2018 पंकज

17 मार्च 2017 भगवती देवी

17 मार्च 2017 लखपत सिंह

20 सितंबर 2018 वीरेंद्र सिंह

15 जुलाई 2019 सोहन सिंह

13 अगस्त 2019 बिशन राम

20 सितंबर 2019 राजेश नेगी

11 फरवरी 2021 कमला देवी

15 जून 2022 खलील

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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