उत्तराखण्ड
एचएन बहुगुणा, बीसी खंडूड़ी और हरक सिंह समेत इन दिग्गजों ने उत्तराखंड में अपनों को सौंपी राजनीतिक विरासत
हल्द्वानी : उत्तराखंड की भूमि पर जन्मे और विधानसभा तक पहुंचे कई जनप्रतिनिधियों की राजनीतिक वंश बेल को हरा-भरा रखने में जनता भी आगे रही है। हरगोविंद पंत, खुशीराम, एचएन बहुगुणा, गुलाब सिंह, बर्फिया लाल जुवांठा, बीसी खंडूड़ी, भारत सिंह रावत, गोविंद सिंह मेहरा, बिपिन चंद्र त्रिपाठी और हरक सिंह रावत जैसे प्रमुख जन नेताओं की वंश बेल जनता के भरोसे पर ही आगे बढ़ी।
विरासत की राजनीति को देखें तो हेमवती नंदन बहुगुणा की वंश बेल खूब पुष्पित-पल्लवित हो रही है। उत्तराखंड में इनकी तीसरी पीढ़ी भी उनके पद चिह्नों पर चल रही है। एचएन के पुत्र सांसद रहने के साथ ही विधायक भी रह चुके हैं। वहीं उनके पोते सौरभ बहुगुणा सितारगंज विस क्षेत्र के विधायक हैं। उत्तरप्रदेश में पहली विधानसभा के उपाध्यक्ष हरगोविंद पंत की पुत्री सुश्री रमा पंत भी रानीखेत से जनप्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। उत्तरप्रदेश पुनर्गठन से पूर्व चकराता विधानसभा क्षेत्र से आठ बार प्रतिनिधित्व करने वाले गुलाब सिंह के पुत्र प्रीतम सिंह भी विधायक हैं।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की राजनीतिक नींव पर बेटी ऋतु खंडूड़ी भी यमकेश्वर क्षेत्र से वर्तमान विधानसभा की सदस्य हैं। स्वतंत्रता के बाद उप्र में लगातार तीन विधानसभाओं में पिथौरागढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले दलित चिंतक खुशीराम के पुत्र इंद्र लाल ने भी उनकी विरासत को आगे बढ़ाया। उत्तरकाशी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर उप्र विधानसभा में कैबिनेट मंत्री तक पहुंचे बर्फिया लाल जुवांठा की विरासत भी उनके पुत्र राजेश जुवांठा आगे बढ़ा रहे हैं।
योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष व लैंसडौन से लगातार पांच बार विधायक रहे भारत सिंह रावत की विरासत संभाल रहे पुत्र दिलीप सिंह रावत को भी जनता ने विधानसभा तक पहुंचाया है। रानीखेत विस क्षेत्र से 1974 व 1977 में प्रतिनिधित्व करने वाले गोविंद सिंह मेहरा के पुत्र करण महरा भी विधायक हैं। चिपको आंदोलन सहित अलग उत्तराखंड राज्य की लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दिवंगत बिपिन चंद्र त्रिपाठी के पुत्र पुष्पेश त्रिपाठी द्वाराहाट विधानसभा से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं यशपाल आर्य व उनके पुत्र संजीव आर्य एक साथ सदन में अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली पीढ़ी है।
चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गोसाईं को कांग्रेस ने लैंसडाइन से इस बार विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है। ऐसे में पूर्व मिस इंडिया रह चुकीं अनुकृति अब सियासी रैंप पर नजर आने जा रही हैं। 2018 से ही लैंसडौन विधानसभा सीट पर काम भी कर रही हैं। सियासत के लिए उन्होंने ग्लैमर से भरी मॉडलिंग की दुनिया को बीच में ही छोड़ दिया है। उन्हें ससुर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का पूरा सहयोग मिल रहा है। अनुकृति को राजनीति में स्थापित करने को ससुर हरक ने भाजपा पर भी पुरजोर दबाव बनाया।साभार न्यू मीडिया