देहरादून
बदल गए ये नियम , उत्तरकाशी-टिहरी रूट पर गाड़ी चलाने वाले जरूर पढ़ें…!
देहरादून: राज्य में हर दिन कोई ना कोई हादसा तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाने से हो ही जाता है। पहाड़ से लेकर मैदान तक इन हादसों में लोगों की जानें चली जाती है। कई इन हादसों में घायल होकर हमेशा के लिए अपंग बन जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण तेज गति से वाहन चलाना है।
इसको देखते हुए अब संभागीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) ने पर्वतीय रूट पर पहली बार वाहनों की अधिकतम गति सीमा तय कर दी है। इस निर्णय का सीधा असर देहरादून समेत टिहरी और उत्तरकाशी जिले के पर्वतीय रूटों पर पड़ेगा।
वाहनों की प्रकृति के हिसाब से गति सीमा तय करते हुए दोपहिया के लिए 20 और कार के लिए अधिकतम 45 किमी प्रति घंटे तय की गई है। अब तक इन रूटों पर अधिकतम गति सीमा के सामान्य मानक के मुताबिक कार्रवाई की जा रही थी।
RTA की बैठक मंडलायुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में ईसी रोड स्थित कैंप कार्यालय में हुई। बैठक में बड़ी बसों से लेकर सिटी बस, छोटी ओमनी बस व ई-रिक्शा के संचालन, नए रूटों को मंजूरी, गति सीमा निर्धारण व ट्रैवल एजेंसी संचालकों के पंजीकरण जैसे विषयों के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
टिहरी में 84 और उत्तरकाशी में छह ऐसे मार्ग पाए गए, जिन पर वाहनों के संचालन के लिए मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इससे संबंधित रूट से जुड़े क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं से लेकर माल की आपूर्ति में कठिनाई हो रही थी। लिहाजा, प्राथमिकता के आधार पर इन रूटों पर वाहन संचालन की अनुमति प्रदान की गई।
इसके अलावा नई बस नीति के मुताबिक कार्रवाई किए जाने से लेकर ट्रैवल एजेंसी संचालकों के अनिवार्य पंजीकरण व छोटी ओमनी बसों (टाटा मैजिक) के परमिट जारी करने की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव/संभागीय परिवहन अधिकारी सुनील शर्मा के अनुसार, पर्वतीय रूटों पर गति सीमा के निर्धारण के लिए परिवहन, लोनिवि व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया था।
अब गति सीमा को मंजूरी प्रदान कर दिए जाने के बाद सभी साइन बोर्ड बदले जाएंगे। लोगों की जानकारी के लिए नई गति सीमा दर्ज की जाएगी और इसी के मुताबिक चालान व अन्य कार्रवाई की जाएगी।